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Saturday 2 June 2012

Maharaja Ranveer Singh Rohilla ( Rohilkhand)

महाराजा रणवीर सिहं रोहिला
राज्य-पांचाल, मध्यदेष, कठेहर, (रोहिलखण्ड), राजधानी-रामपुर (निकट अहिक्षेत्र, रामनगर)
(तेहरवीं षताब्दी का पूर्वार्द्ध)
*एक अजेय योद्धा, विधर्मी संहारक*
वंश-वृक्ष
सूर्यवंश- महाराज भरत के वंषधर निकुम्भ ईसा पूर्व 326 वर्ष कठगण राज्य (रावी नदी के काठे में) सिकन्दर का आक्रमण काल-राजधानी सांकल दुर्ग (वर्तमान स्यालकोट) 53 वीं पीढ़ी ,राज्य अजयराव के वंषधर निकुम्भ वंशी, राजस्थान अलवर, मंगलगढ़, जैसलमेर होते हुए गुजरात, सौराष्ट्र गये, फिर पांचाल, मध्यदेश गये। अलवर में दुर्ग निकुम्भ वंशी (कठ क्षत्रिय रावी नदी के कोठ से (विस्थापित कठ-ंगण) क्षत्रियों ने बनवाया (राज्य मंगलग-सजय़), सौराष्ट्र में काठियावाड़ की स्थापना की । मध्यदेश के पांचाल में कठेहर राज्य की स्थापना सन् 648 से 720 ई. तक (कन्नौज के पतन के पश्चात्) की। यहां अहिक्षेत्र के पास रामनगर गांव मे ंराजधानी स्थापित की, ऊंचा गांव म-हजयगांवा को सैनिक छावनी बनाया। यहां पर शासक हंसदेव, रहे, इनके पुत्र हंसबेध राजा बने-ं816 ई. तक- इसी वंश में निकुम्भवंश कठेहरिया रामश्शाही (राम सिंह जी ) ने रामपुर गांव को एक नगर का रूप दिया और 909 ई में कठेहर- रोहिलखण्ड प्रान्त की राजधानी रामपुर में स्थापित की। यहां पर  कठ क्षत्रियों ने 11 पीढ़ी शासन किया इसी वंश में महापराक्रमी, विधर्मी संहारक राजा रणवीर
सिंह रोहिला का जन्म हुआ।
वंश वृक्ष इस प्रकार पाया गया
रामपुर संस्थापक राजा राम सिंह उर्फ रामशाह 909 ई. में 966 विक्रमी , 3 पौत्र- बीजयराज 4. करणचन्द 5. विम्रहराज 6. सावन्त  सिंह (रोहिलखण्ड का विस्तार गंगापार कर यमुना तक किया,) सिरसापाल के राज्य सरसावा में एक किले का निर्माण कराया। (दशवीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध) नकुड रोड पर किले को आज यमुना द्वारा ध्वस्त एक टीले के रूप में देखा जा सकता है। 7. जगमाल 8. रणवीर सिंह 9. धिंगतराम 10 गोकुल सिंह 11 महासहाय 12. त्रिलोकचन्द 13. नौरंग देव (पिंगू/तैमूर  लंग को परास्त किया) (राजपूत गजट लाहौर 04.06.1940 द्वारा डा0 
सन्त सिंह चैहान)

(रामपुर का रोहिला किला), राजा रणवीर सिंह, दिल्ली में गुलामवंश का शासन
गुलाम सेनापति नासिरूद्दीन चंगेज उर्फ नासिरूद्दीन महमूद, सन् 1253 ई0, बहराम वंश ने दोआब, कठेहर, शिवालिक पंजाब, बिजनौर आदि क्षेत्रों पर विजय पाने के लिए दमनकारी अभियान किया। इतने अत्याचार , मारकाट तबाही मचाई कि विदे्राह करने वाले स्थानीय शासक,  बच्चे व स्त्रियंा भी सुरक्षित नहीं रही। ऐसी विषम परिस्थिति में रोहिल खण्ड के रोहिला शासकों ने दिल्ली सल्तनत के सूबेदार‘ ताजुल मुल्क इज्जूददीन डोमिशी‘ को मार डाला। दिल्ली सल्तनत के लिये यह घटना भीषण चुनौती समझी गई। इस समय रामपुर के राजा रणवीर सिंह रोहिला थे । उन्होने दिल्ली सल्तनत के विरूद्ध अपनी क्रान्तिकारी प्रवृत्ति को सजीव बनाये रखा। नासिरूद्दीन महमूद (चंगेज) इस घटना से उद्वेलित हो उठा और सहारनपुर ‘( उशीनर प्रदेश‘) के मण्डावार व मायापुर से 1254 ई0 में गंगापार कर गया और विद्रोह को दबाता हुआ, रोहिलखण्ड को रौदता हुआ बदांयू पहुंचा। वहां उसे ज्ञात हुआ कि रामपुर में राजा रणवीर सिंह के साथ लोहे के कवचधारी 84 अजेय रोहिले  योद्धा है जिनसे विजय पाना टेढ़ी खीर है। इस समय दिल्ली की शासन व्यवस्था बलबन के हाथों में थी। सूचना दिल्ली भेजी  गई। दिल्ली दरबार में सन्नाटा हो गया कि एक छोटे राज्य कठेहरखण्ड /रोहिलखंड को रोहिलों से कैसे छीना जाए। नासिरूद्दीन चंगेज (महमूद) ने तलवार व बीड़ा  उठाकर राजा रणवीर सिंह के साथ युद्ध करने की घोषणा की। रामपुर व पीलीभीत के बीच मैदान में दिल्ली सल्तनत की भारी तीस हजारी सेना व रोहिलों में भयंकर संघर्ष हुआ। वशिष्ठ गोत्र के 84 लोहे के कवचधारी रन्धेलवंशी सेना नायकों की सेना के सामने नासिरूद्दीन की सेना के पैर उखड़ गये।
      नासिरूद्दीन चंगेज को बन्दी बना लिया गया। बची हुई सेना के हाथी व घोडे तथा एक लाख रूपये महाराज रणवीर सिंह को देने की प्रार्थना पर आगे ऐसा अत्याचार न करने की शपथ लेकर नासिरूद्दीन महमूद ने  प्राण दान मांग लिया। क्षात्र धर्म के अनुसार शरणागत को अभयदान देकर राजा रणवीर सिंह ने उसे छोड़ दिया। परन्तु धोखेबाज महमूद जो राजा रणवीर सिंह पर विजय पाने का बीड़ा उठाकर दिल्ली से आया था, षडयंत्रों में लग गया। राजा रणवीर सिंह का एक दरबारी पं. गोकुलराम पाण्डेय  था। उसे रामपुर का राजा नियुक्त करने का लालच देकर महमूद ने विश्वास में ले लिया और रामपुर के किले का भेद लेता रहा। पं. गोकुल राम ने लालच के वशीभूत होकर विधर्मी को बता दिया कि रक्षांबधन के दिन सभी राजपूत निःशस्त्र होकर शिव मन्दिर मंे शस्त्र पूजा करेंगें। वशिष्ठ गोत्र के कठेहरिया राजपूतों मंे शिव  उपासना कर शक्ति प्राप्त करने की भावना जीवित है।यह शिव मन्दिर किले के दक्षिण द्वार के समीप है। यह सुनकर महमूद का चेहरा खिल उठा और दिल्ली से भारी सेना को मंगाकर जमावड़ा प्रारम्भ कर दिया रक्षाबन्धन का दिन आ गया। सभी किले में उपस्थित  सैनिक, सेनाायक अपने-ंअपने शस्त्रों को उतार कर पूजा स्थान पर शिव मन्दिर ले जा रहे थे। गोकुल राम पाण्डेय यह सब सूचना विधर्मी तक पहुचंता रहा। सामने श्वेत ध्वज रखकर दक्षिण द्वार पर पठानों की गुलामवंशी सेना एकत्र हो गयी। पूजा में तल्लीन राज पुत्रों को पाकर गोकुलराम पाण्डेय ने द्वार खोल दिया।
      शिव उपासना में रत सभी उपस्थितों को घेरे में ले लिया गया। घमासान युद्ध छिड़ गया परन्तु ऐसी गद्दारी के कारण राजा रणवीर सिंह वीरगति को प्राप्त हुए। नासिरूद्दीन ने पं. गोकुल राम से कहा कि जिसका नमक खाया अब तुम उसी के नहीं हुए तो तुम्हारा भी संहार अनिवार्य है। नमक हरामी को जीने का हक नहीं है। गोकुल का धड़ भी सिर से अलग पड़ा था। सभी स्त्री बच्चों को लेकर रणवीर सिंह का  भाई सूरत सिंह किले से पलायन कर चरखी दादरी में अज्ञातवास को चला गया। महारानी तारादेवी राजा रणवीर सिंह  के साथ सती हो गई। 
रामपुर में किले के खण्डरात, सती तारादेवी का मन्दिर तथा उनका राजमहल अभी तक मौजूद है, जो क्षात्र धर्म का परिचायक व रामपुर में रेहिले क्षत्रियों की कठ-शाखा के शासन काल की याद ताजा करता है जिन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर क्षात्र धर्म की रक्षा की। गुलाम वंश, सल्तनत काल में विधर्मी की पराधीनता कभी स्वीकार नहीं की। अन्तिम सांस तक दिल्ली सल्तनत से युद्ध किया और रोहिलखण्ड को स्वतंत्र राज्य बनाये रखा। निरन्तर संघर्ष करते रहे राजा रणवीर सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं , सदैव तुगलक, मंगोल , मुगलों आदि से विद्रोह किया और स्वतंत्र रहने की भावना को सजीव रखा। राणा रणवीर सिंह के वंशधर आज भी रोहिला-ंक्षत्रियों में पाए जाते है।

49 comments:

  1. हिंदी फॉन्ट डाउन लोड करके पढिये

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  2. राजा रणवीर सिंह रोहिला ने दिल्ली के सेनापति नासिरुद्दीन महमूद को 1253 में धूल चटाई ओर 1254 में धोखे का शिकार हो शाका किया रानी तारा देवी ने जौहर किया रामपुर के किले में सती मंदिर के खंडहर आज भी विद्यमान है।

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  3. कठेहर रोहिलखण्ड में कठ गण लोगो का शासन 909 में राजा राम शाह उर्फ रामसिंह ने स्थापित किया कन्नौज पतन के बाद ।
    इनमे राठौड़ चौहाण वाछिल गहलोत आदि क्षत्रिय वन्स के राजपूत शासन करते थे जो 18वी सदी तक रहे।
    जगत सिंह कठहरिया ने जगत पुर बसाया ओर उनके पुत्र बांस देव व बर्लदेव देव ने बरेली नगर की स्थापना की।
    1702 से 1720 तक हिन्दू रोहिला किंगडम की राजधानी बरेली रही।
    800 वर्ष के रोहिला क्षत्रिय काल मे दिल्ली के सुल्तान पूर्णतया कभी नही जीत पाए नॉरंग देव ने पिंग को हराया।
    राजा रणवीर सिंह ने दिल्ली सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद की सेना का 1253 में संघार किया ।
    ओर 1254 में धोखे का शिकार हुए रक्षाबंधन के दिन शाका बोल युद्ध मे बलिदान दे गए ।
    हरीसिंह रोहिला ने अलाउद्दीन खिलजी के पुत्र खिज्र खान को हराया ओर रोहिलखण्ड को खिलजी से आज़ाद घोषित कर दिया 1440 ईसवी ।
    खड्ग सिंह उर्फ खडगू सरदार बहुत बहादुर थे।
    अन्य राजजाओ की बहादुरी की जानकारी नेट पर उपलब्ध हो जाएगी।

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  4. धन्यवाद रविन्द्र रोहिला जी कठेहर रोहिलखण्ड को दिल्ली के सुल्तान कभी भी पूर्णतया नही जीत पाए रोहिले राजपुत्र 400 साल लगातार लड़ते रहे अपना सर्वस्व मिटाया परन्तु विधर्मियो के हाथों की कठपुतली नही बने उसके बाद भी 18वी सदी तक संघर्षरत रहे।

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    1. Hum Thakur hai Rohilla

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    2. Nahi thakur alag h rohilla se

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    3. Thakur is not a caste rajput logo ko he thakur bola jata hai respect mai Thakur shaab and thakur was also the landlord from starting

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  5. गौरवशाली इतिहास । आज की युवा पीढ़ी को इससे अवश्य प्रेरणा लेनी चाहिए।

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    1. Thanks to know our previous record remembered
      Anil Ruhela

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    2. Bhaijiaaplogkatheriyakarekadnikalderajputhaino. Percallkare9026561870bhaijiplzhamlogokogenermenhianederahehaiscmehakerahehaiplzbhaijibataupherhamlograjputlikhe

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  6. अपनी इतिहास को अपने बच्चों को अवश्य पढ़ें तभी हम आगे निकल पाएंगे ।

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  7. धन्यवाद गोपाल सिंह जी

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  8. रणवीर सिंह रोहिल्ला का जन्म कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रथमा को 1204 इसवी को हुआ जब सभी राजपूत शक्तियां गौरी के आक्रमण का शिकार हो चुकी थी और मुसलमान अपनी सत्ता कायम करने को दमन कर रहे थे तभी नासीरुद्दीम महमूद को धूल चटाई रानी तारा देवी विजयपुर सीकरी के राजा की पुत्री थी

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  9. नासिरुद्दीन महमूद को 1253 इसवी में धूल चटाई

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  10. 25 october ko harek sal maharaja ranveer singh rohla ki jayanti svadhinata v sanman divas k rup m manaye

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  11. हम सभी को वर्तमान में अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास करते रहना चाहिए

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  12. आपके इस प्रयास को हम और हमारी आने वाली पीढ़ी हमेशा याद रखेगी

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  13. Thanks a lot .bhavi pidhi ko Apne purvajo k gouravshali itihas Ka gyan karanaa avshyak he

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  14. आप धन्य हैं समय भईया ।

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  15. जय हिंदूत्व

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  16. Hello sir I need this in PDF
    How and where I can download PDF?

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    1. WhatsApp number do hum bhej denge

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    2. Okay sir
      +91 82953 22126 this is my WhatsApp number send it to me
      Thank you so much sir

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    3. 8178803723 sir please whats app me merko urget information chiye plz

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  17. JAI RAJPUTANA.JAI MAHARAJA RANVIR SINGH ROHILLA.AESE HEE ISS SAMAJ KO AAGE LAYE.ISS SAMAJ KO AAGE LAANE KI BAHUT JARURAT HAI.LOGO KO BHI TO PATA CHALE ROHILLA NAAM BHI KYA CHIZ HAI

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  18. WhatsApp number do hum bhej denge

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  19. महाराजा रणवीर सिंह रोहिल्ला जी रोहिल्ला समाज का गर्व है उन्होंने रोहिल्ला साम्राज्य की स्थापना की और बड़ी वीरता के साथ शासन किया हमें महाराजा रणवीर सिंह रोहिल्ला पर गर्व है

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  20. गौरवशाली इतिहास के बारे मे जानकारी दी गई है लेकिन राजपूत आपसी लडाई और शत्रुता के कारण ही बिखर गए यदि ३६ राजवंश एक होते तो भारत का इतिहास कुछ और होता

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  21. महाराजा रणवीर सिंह के संघर्ष की गाथा है महारानी तारादेवी माता और महाराज को बारम्बार प्रणाम

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  22. सती तारा देवी का मंदिर कहाँ है ? मुझे देखना है पता बताएं

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  23. आखिर मुझे ये बताए की रोहिल्ला कोन थे ?

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  24. Bhai agar rohilla rajput h to haryana me kyu nhi mana jata haryana me chhipi cast me mana jata h to bhai agar aap kuchh kar sakte ho to haryana me aake bhi thoda parchar karo taaki log samjhe ki rohilla rajput the h Orr rhege jai rohilla jai rohillkhand ⚔️👑 jai rajputana ⚔️👑

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  25. Great history

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  26. मैं रोहिला होने पर गर्व का अनुभव करता हूं

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  27. I am proud to be rohilla

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  28. Very important information given by samay ji.thanks. ye baat sahi hai aap he children ko apne baare main jaisa bataaenge waisa he hoga ,isliye garv ke saath apne aap ka parichay De Rohilla Rajput

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  29. Ranveer Singh rohilla rajput amar rahe.
    I'm proud of rohilla rajput 🙏

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  30. 💓जय राजपूताना💓
    💓 जय माँ भवानी💓
    💓जय महाराजा रणवीर सिंह कठेहरिया रोहिल्ला

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  31. कोई महाराजा रणवीर सिंह रोहिला का पूर्ण इतिहास पढ़े तो पता चल जायेगा दिल्ली सल्तनत को कितनी बार धूल चटाई और सनातन की रक्षा की

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  32. Jay rajputana Rohilkhand

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