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Thursday 21 March 2024

THIRD BETTLE OF PANIPAT @ROHILA RAJPUTS _@रोहिला राजपूत और पानीपत1761 का युद्ध

*⚔️🚩14जनवरी वीर गंगा सिंह महेचा  Rathod  रोहिला राजपूत के  बलिदान  पर  शत शत नमन🚩⚔️*

*आज दिनांक 18मार्च 2024 से 264 साल पहले 14 जनवरी 1761 ईसवी दिन  बुध वार  हाड़ कंपाने वाली कड़कती ठंड और बारिश कोहरे के अंधेरे में  PANIPAT  KE MEDAAN में दिया था इस  वीर  ने सनातन की रक्षा के लिए  अपने जीवन का बलिदान।।

इतिहास में अजेय  वीर गंगा सिंह    महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत 

,मराठों और अहमद शाह अब्दाली तथा नाजीबुद्दोला उर्फ नजीब खान रुहेला के बीच पानीपत के प्रसिद्ध  युद्ध में लड़ा  था DESH RAKSHA  के लिए , सदा शिव राव भाऊ के सेना के सेनापति के रूप में ,
दिया था जीवन का  सबसे बड़ा बलिदान।। उनकी सम्पूर्ण सेना ने भी पाई थी वीर गति*।।
*14जनवरी दिन  बुध  वार मकर सक्रांति 1761 को PANIPAT  MEDAAN में  एक BHAYNKAR  Yuddh ,हुआ था ।। फूट के कारण 150000 मराठो को अबदाली व नजीब खान रुहेला की संयुक्त सेना ने 2बजे से 5बजे के बीच काट डाला जो हिंदुत्व/सनातन की रक्षा महाराष्ट्र से आये थे और उन्हें न यहां के लोगो ने  कोई सहायता नही दी, भूखे ही लड़े , जीत कर भी सर्दी भूख और धोखे के  कारण हारे ।।यदि हिन्दू  एकता के साथ  14जनवरी मकर सक्रांति को  PANIPAT में अबदाली से युद्ध करते तो भारत मे  ब्रिटिशराज ना होता और भारत का मानचित्र कुछ और ही  होता । उधर 14जनवरी 1761 दिन बुधवार मकर सक्रांति को कुरुक्षेत्र नहाने गए मराठा श्रद्धालुओ को अबदाली की सेना की टुकड़ी ने सूरजकुंड में काट डाला ठंडे जल में लाल हो गया था सूरजकुंड तालाब कुरुक्षेत्र का,, जो आज भी सूखने पर लाल दिखता है। 40000 हिन्दू महिलाओ को नहाते हुए ही ठंडे जल से ठिठुरते हुए नँगा  ही उठा कर  अफगान सेना अब्दाली के शिविर में ले गयी, जिन्हें अफगानिस्तान की सेना को वितरित कर दिया गया।।।*वापिस लोट रहे अफगानों से  DULLA  BHATTI  ने  उन दक्षिण भारतीय हिन्दू मराठी महिलाओं को छुड़ाया तथा  अफगानी सेना की टुकड़ी  को मार गिराया था*।।कलायत से वीर  गंगा सिंह महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत ने अपनी सेना सहित मराठी सेना का साथ दिया ओर सदाशिव राव भाऊ के प्रमुख सेना पति के रूप में वीर गति पाई वीर  गंगा सिंह महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत की समाधि व रानी रामप्यारी का सती मन्दिर आज भी आप कलायत (कैथल)के कपिल मुनि स्थान पर आश्रम में देख सकते है जिसका निर्माण मछोंडा निवासी रोहिला राजपूत सौदागर मल पुत्र अमर नाथ ने  कराया था* 
 कलायत  का राज्य MUDAHAAD राजपूतो है वही रानी रामप्यारी सती माता का मंदिर  भी कपिल मुनि स्थान पर है जिसे सभी राजपूत मिलकर पूजते है,ऐसा इतिहास कार प्रशांत सिंह राणा mudahad करनाल वालो ने साक्षात देखा और वीर गंगा सिंह महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत की समाधि का शिलालेख साझा किया है।7*।
*इसी वंश के महेचा*
 *राठौड़ रोहिला राजपूत कलायत से चल कर करनाल के आस पास के विलेजिज में रुके ओर कुछ लोग यमुना पार करते हुए ambaheta* *अंबहेटा,घाट हेडा, नल्हेडा, उम्अरी आदि विलेजेज में प्रवास किया ,घाट हेडा में जनरल भवानी सिंह के प्रपोत्र ठाकुर हरी सिंह महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत एक महान क्रांति कारी हुए ये पांचों भाईयो ने आज़ादी के लिए अपना यौवन बलिदान किया, ठाकुर हरिसिंह के छोटे भाई तो अपनी नवेली दुल्हन को भी छोड़ रास्ते से ही* *आज़ादी के दीवानों की पुकार पर भाग खड़े हुए उनका नाम था शशि भूषण महेचराना ,!!!आज उसी परिवार से आर्य समाज में एक महान राज ऋषि है श्री श्री १००८श्री ज्ञानाननद जी महाराज जिनका गृहस्थ में नाम रहा श्री राजपाल सिंह रोहिला,!!! उनका स्वर्गारोहण सन2024के आरंभिक माह में हो गया है। 1857के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भी इसी महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत राजवंश के जनरल भवानी सिंह ने तात्या टोपे के प्रमुख सेनापति के रूप में ब्रिटिश सरकार को नाको चने चबाए थे* *ये राजवंश रोहिलखंड के पीलीभीत व बन्दायू से कलायत आए थे।*इतिहास ने इस रक्त रंजित सक्रांति को भुला दिया है किन्तु रोहिला राजपूत इतिहास में यह १७६१की मकर सक्रांति स्मरणीय अक्षरों में लिखी गई है ,हिन्दू धर्म रक्षार्थ हुई थी धरा रक्त से लाल*
*ऐसे महान वीर जिसने स्वधर्म हिंदुत्व की रक्षा के लिए उत्तर भारत में अक्रांता अब्दाली को रोकने आए मराठों का साथ दिया था जब कोई साथ नहीं आया क्योंकि मराठे यहां की रियासतों से कर वसूल रहे थे*
*स्वधर्म के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले इस महान वीर को शत शत नमन,इस विश्व प्रसिद्ध युद्ध ने भारत की तस्वीर ही बदल दी थी यदि मराठे जीत जाते तो अंग्रेजी राज खत्म हो जाता किंतु यहां राष्ट्र से अधिक महत्व वर्चस्व को दिया गया*
*वीर गंगा सिंह महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत का नाम कही भी इस युद्ध के वर्णन में किसी ने नही किया किंतु उस महान वीर की वीर गाथा रोहिला राजपूत इतिहास में जीवित है* 
*सभी क्षत्रिय बंधुओ से निवेदन है कि उनकी स्मृति में सांय काल एक दीपक जलाया जाए और उनकी बहादुरी को नमन करते हुए भावी पीढ़ी को उनके इतिहास से अवगत कराया जाए*
*जय जय राजपूताना रोहिलखंड*🙏🚩https://youtu.be/OeYRf5x5uF0?feature=shared
*14January मकर सक्रांति दिन बुधवार 1761ईस्वी हाड़ कंपाने वाली कड़कती सर्दी भूख के तांडव में अद्भुत युद्ध में वीर गंगा सिंह महेचावत राठौड़ रोहिला राजपूत का और मर्द मराठों का बलिदान एक अमित कहानी है और भारत के भाग्य की एक महत्व पूर्ण कड़ी है,सुनिए वीरांगना आरती रोहिला की प्रस्तुति उनकी आवाज में और भारत के कोने कोने में पहुंचाइए जनमानस तक ताकि सच्चाई सामने आए।। ओर भावी पीढ़ी जाने मर्द मराठों और रोहिला राजपूतों का बलिदान और याद रखे सारा हिन्दुस्तान*🚩🚩https://youtu.be/OeYRf5x5uF0?feature=shared
*14January मकर सक्रांति दिन बुधवार 1761ईस्वी हाड़ कंपाने वाली कड़कती सर्दी भूख के तांडव में अद्भुत युद्ध में वीर गंगा सिंह महेचावत राठौड़ रोहिला राजपूत का और मर्द मराठों का बलिदान एक अमित कहानी है और भारत के भाग्य की एक महत्व पूर्ण कड़ी है,सुनिए वीरांगना आरती रोहिला की प्रस्तुति उनकी आवाज में और भारत के कोने कोने में पहुंचाइए जनमानस तक ताकि सच्चाई सामने आए।। ओर भावी पीढ़ी जाने मर्द मराठों और रोहिला राजपूतों का बलिदान और याद रखे सारा हिन्दुस्तान*

*विशेष नोट___यहां प्रदर्शित सभी चित्र नेट पर उपलब्ध है और पाठको को समझाने और सुविधा पूर्वक देखने हेतु सोसल मीडिया से लिए गए हैं इन पर लेखक का कोई अधिकार नहीं है।

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