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Tuesday 19 March 2024

ROHILA RAJPUT

रोहिला शब्द भारत के गौरव शाली इतिहास का एक विशेष दर्पण है ! यह वही शब्द है जो वीर क्षत्रिय राजवंशों व इतिहास की वीर गाथाओं से परिचय कराता है।
रोहिला 500 ईसा पूर्व पुराना शब्द है( प्राचीन भारत-पृष्ठ-159, बी एम रस्तोगी)
रोहिला एक संघ था, भारत
 के उन वीरो का, भारत की पश्चिमी उत्तरीय सीमा प्रहरियों का जिन्होंने स्वयम के टुकड़े टुकड़े होने तक ओर अंतिम श्वांस लेने तक धूलि के कण के बराबर भी आक्रांताओं को भारत भूमि और कदम नही रखने दिया।


रोहिले राजपूत प्राचीनकाल से ही लोकतंत्र के संवाहक रहे हैं
वंस वाद पीढ़ी वाद से दूर रहे है


*रोहिल खंड राज्य लोकतन्त्रात्मक गणराज्य था 
वंशानुक्रम का शासन नहीं था*
*वाचाल( वाछेल)चौहान राठोर ग्र्ह्लोत (,गहलोत) आदि प्रसिद्ध साहसी राज वन्सो का शासन था ये सभी कटेहर इया राजपूत कहलाते थे
सुन्दर बलिष्ठ 
योग्य पहलवान(रहेल्ला) को अपना शासक चुनाव ( हाथ उठा कर) से नियुक्त करते थे 


इसी लिए इनमे राजपूतो के सभी वंस शाखाये प्रशाखाए उपलब्ध है


रणवीर सिंह सूर्य वंस निकुम्भ शाखा के वशिष्ठ गोत्र में उत्पन्न हुए थे 
उनका प्रवर गोत्र काठी था


इस कटेहर रोहिल खंड के राजा के साथ 84 लोहे के कवच धारी अजेय रोहिले सरदार / सामंत थे 
उनके सामने मुल्ला नहीं टिक पाते थे 
इनमे निम्न गोत्रो के योधा थे
1- लखमीर 2- राठोर/महेच राणा 3- चौहान/ वत्स/ जेवरा 4-वाछेल / वाचाल/ कूपत/ गहलोत
5- मोउसले/ भौंसले/ मौसुल/ मोसले/ मुसले 
6- कतेहरिया/ काठी/, कठायत/ कठोड़े 7- रहक वाल/रायकवार /सिकरवार
12 बारह रोहिले लोहे के कवच धारी प्रत्येक गोत्रो से थे 
सल्तनत काल में दिल्ली के सुल्तान पूर्णतया इन्हें कभी भी नहीं जीत पाए
(वासुदेवशरण अगरवाल)
इतिहास कार



हमारे ही परिवार जो कटेहर रोहिल खंड में रह गए विश्थापित नहीं हुए वे
आज भी राजपूतो की मुख्य धारा में ही हैं कठेरिया राजपूत कहलाते है उनके सम्बन्ध इन्ही राजपूतो से होते है 
जी गंगा पार कर विस्थापित हो इधर आगये रोहिला कहलाये
जो रामगंगा पार कर कुमायूं गए 
काठी कठेत कठ्यत काठ आयत कहलाये और चाँद वाशी राजा के यहं रहे



महाराजा रणवीर सिंह रोहिल्ला का जन्म ऐसे समय मे हुआ जब राजपूत शक्ति क्षीण हो चुकी थी और मुस्लिम आक्रांता अपनी सल्तनत कायम करने के लिए बचे हुए राजपूतो का दमन करने में लगे थे गौरी के आक्रमण से पृथ्वी राज चौहान का साम्राज्य नष्ट कर गुलाम वन्स का शासन स्थापित हो रहा था राजस्थान में मेवाड़ ओर मध्यदेश (उत्तर प्रदेश), ,में रोहिलखण्ड के कठेहरिया राजपूतो ने दिल्ली के सुल्तान बनने वाले आक्रांताओ के नाक में दम कर रखा था 1206 में सभी राजपूत शक्तियों को एकत्र कर सामन्त वृतपाल रोहिल्ला ने ऐबक इल्तुतमिश आदि को रोहिलखण्ड में घुसने से रोका त्रिलोक सिंह आदि रोहिलखण्ड पर अधिकार जमाने वाले मुस्लिम शासकों को खदेड़ देते थे,इस विपत्ति काल मे रोहिलखण्ड की पावन भूमि पर कार्तिक मास के कृष्ण की प्रथमा तिथि तदनुसार 25 अक्टूबर 1204 इसवी को रामपुर के किले में राजा त्रिलोक सिंह के यहां एक वीर पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम करण हरिद्वार के पण्डित गोकुल चंद पण्डे के पिता ने रणवीर सिंह के नाम से किया ,जब रणवीर सिंह 21 वर्ष के हुवे तो विजयपुर सीकरी के राजा की पुत्री तारा देवी से रणवीर सिंह का विवाह हो गया उसी वर्ष रामपुर के किले में रणवीर सिंह का राजतिलक हुवा ,उन् से दिल्ली के सुल्तान भय खाने लगे किसी ने रोहिलखण्ड पर आक्रमण करने का साहस नहीं था


काठेर रोहिल्लख़ंड राजपूत!


ये कतेहरिया काठी निकुम्भ वन्स के रोहिलखण्ड के राजा थे 1253 में इनके शासन काल मे दिल्ली सल्तनत के इल्तुतमिश के पुत्र एवम सेनापति नासिरुद्दीन महमूद उर्फ चंगेज जो बहाराम वन्स का मुसलमान आक्रांता था दिल्ली दरबार मे कसम लेकर आया कि रोहिलखण्ड पर विजय पाकर ही लौटेगा 30000 की विशाल सेना लेकर उसने रोहिलखण्ड पर हमला किया पीलीभीत ओर रामपुर के बीच मे किसी स्थान पर मुसलमानों को 6000 रोहिले राजपूतो ने घेर लिया तथा भयंकर युद्ध हुआ रोहिले बहादुर थे लोहे के कवचधारी थे नासिरुद्दीन चंगेज की सेना को काट डाला गया बचे हुए मुसलमान भाग खड़े हुए 
नासिरुद्दीन ने प्राणदान मांगे 
सभी धन दौलत रणवीर सिंह के चरणों मे रख गिड़गिड़ाया 
राजा रणवीर सिंह कठोडा ने क्षात्र धर्म रक्षार्थ शरणागत को क्षमा दान दे दिया
परन्तु वह दिल्ली दरबार से कसम लेकर आया था क्या मुह दिखाए यह सोच कर रामपुर के जंगलों में छिप गया और रास्ते खोजने में लगा कि राजा को कैसे पराजित किया जाए
क्योकि कितनी भी मुसलमान सेना दिल्ली से मंगवाता रोहला राजपूत इतने बहादुर थे कि उनके सामने नही टिक पाती उसने छल प्रपंच धोखा करने की सोची 
रामपुर के किले के एक दरबारी हरिद्वार निवासी पण्डे गोकुल राम उर्फ गोकुल चंद को लालच दिया और रक्षा बंधन के दिन शस्त्र पूजन के समय निश्शस्त्र रोहिले राजपूतो पर हमला करने का परामर्श दे दिया 
चंगेज ने दिल्ली से कुमुद ओर सेना मंगवाई ओर जंगलो में छिपा दी पण्डे ने सफेद ध्वज के साथ चंगेज को राजा से किले का द्वार खोल मिलवाया जबकि राजपूत पण्डे का इंतजार कर रहे थे कि कब आये और पूजा शुरू हो
पण्डे ने तो धोखा कर दिया था राजा ने सफेद ध्वज देख सन्धि प्रस्ताब समझ समर्पण समझ आने का संकेत दिया 
मालूम हुआ कि पंडा किले के चारो द्वार खोल कर आया था 
निहत्थे राजपूतो पर तीब्रता से मुसलमान सेना चारो तरफ से टूट पड़ी 
राजपूतो को शाका कर मरमिटने का आदेश रणवीर सिंह ने दे दिया और मुसलमानों को सबक सिखाने के लिए भिड़गये 
थे निहत्थे लड़े बहुत पंरन्तु मारे गए 
राजा रणवीर सिंह का बलिदान हुआ
रानी तारावती सभी क्षत्राणियो के साथ ज्वाला पान कर जौहर कर गयी 
किले को मुसलमान घेर चुके थे
रणवीर सिंह का भाई सूरत सिंह अपने 338 साथियों के साथ निकल गया और हरियाणा में 1254 में चरखी दादरी आकर प्रवासित हुआ
हरिद्वार पंडो ने रणवीर सिंह की वंशावलि में झूठ लिखा कि उसकी ओलाद बंजारा हो गयी 
कितना तुष्टिकरण होता था तब भी इतिहास लेखन में
जबकि रोहिले राजपूतो के राज भाट रायय भीम राज निवासी बड़वा जी का बड़ा तुंगा जिला जयपुर की पोथी में मिला कि सूरत सिंह चरखी दादरी आ बसा था
राजा रणवीर सिंह का यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान


एक शौर्य दिवस
रक्षाबंधन एक गोरव गाथा
आज से 770 वर्ष पूर्व दिल्ली के सुल्तानों को धुल चटाने वाले महाराजा रणवीर सिंह रोहिला ने लिखी थीं एक गौरव गाथा रामपुर के किले में हुआ यह शौर्य संग्राम निहत्थे रोहिले राज पूतो पर टूट पड़े थे नासिरुद्दीन के सैनिक शास्त्र विहीन रोहिलो ने बहनों की राखी के सहारे किया शाका और दिया सर्वस्व बलिदान आज सचमुच शौर्य दिवस है राजा रणवीर सिंह को याद करे



यह तो सचमुच एतिहासिक सत्य/ तथ्य है 
 रोहिला क्षत्रिय वास्तव में
 विशुद्ध क्षत्रिय राजवंस है 
एक चीते के समान ही जिसकी अपनी अलग पहचान होती है 
इतिहास इस बात का साक्षी है 
रोहिले क्षत्रियो ने आज तक 
कभी भी राष्ट्र व् अपनी क्षत्रिय कोम पर जीते जी आंच नहीं आने दी 
800 वर्षो तक आक्रान्ताओ को। रोके रखने में अपना सर्वस्व मिटाया है 
विधर्मी का संघार किया है 
शाका और * जौहर* किया है 
परन्तु अपना धर्म न बदला न छोड़ा!!!!



4 comments:

  1. Very nice ji

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  2. Jai Maharaja Ranbir Singh Rohila ji ki jai ho 💕💕💕

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  3. Jai Rajputana 💕💕💕
    Jai Maa Bhawani 🚩🚩🚩

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  4. रोहिला शब्द एवं रोहिला इतिहास पर बहुत ही अच्छी जानकारी आपके द्वारा प्राप्त कराई गई है।

    संजय रोहिला
    इंदिरापुरम गाजियाबाद

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