गौरवशाली इतिहास के कुछ स्वर्णाक्षर (रोहिला क्षत्रिय)
- भारत वर्ष का क्षेत्रफल 42 ,02 ,500 वर्ग किमी था ।
- रोहिला साम्राज्य 25 ,000 वर्ग किमी 10 ,000 वर्गमील में फैला हुआ था ।
- रोहिला, राजपूतो की एक खाप, परिवार या परिजन- समूह है जो कठेहर - रोहिलखण्ड के शासक एंव संस्थापक थे |मध्यकालीन भारत में बहुत से राजपूत लडाको को रोहिला की उपाधि से विभूषित किया गया. उनके वंशज आज भी रोहिला परिवारों में पाए जाते हैं ।
- रोहिले- राजपूत प्राचीन काल से ही सीमा- प्रांत, मध्य देश (गंगा-yamuna का दोआब),रोहिलखंड पंजाब, काश्मीर, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश में शासन करते रहे हैं । जबकि मुस्लिम-रोहिला साम्राज्य अठारहवी शताब्दी में इस्लामिक दबाव के पश्चात् स्थापित हुआ. । अफगानों ने इसे उर्दू में "रूहेलखण्ड" कहा ।
- 1702 से 1720 ई तक रोहिलखण्ड में रोहिले राजपूतो का ही शासन था. जिसकी राजधानी बरेली थी ।
- रोहिलखंड एक राजपूताना साम्राज्य है। रोहिलखंड एक शुद्ध हिंदी,संस्कृत और प्राकृत भाषा का शब्द है,अरेबिक या उर्दू शब्द नही है।
- रोहिले राजपूतो के महान शासक "राजा इन्द्रगिरी" ने रोहिलखण्ड की पश्चिमी सीमा पर रोहिलखंड विस्तार के समय सहारनपुर में एक किला बनवाया,जिसे "प्राचीन रोहिला किला" कहा जाता है । सन 1801 ई में रोहिलखण्ड को अंग्रेजो ने अपने अधिकार में ले लिया था. हिन्दू रोहिले-राजपुत्रो द्वारा बनवाए गये इस प्राचीन रोहिला किला को सन 1806 ईस्वी से सन1858 ईस्वी के मध्य कारागार में परिवर्तित कर दिया गया था । इसी प्राचीन- रोहिला- किला में आज सहारनपुर की जिला- कारागार है । उसके सामने महाराजा रणवीर सिंह रोहिला चौक स्थित है।
- "सहारन" राजपूतो का एक गोत्र है जो रोहिले राजपूतो में पाया जाता है. यह सूर्य वंश की एक प्रशाखा है जो राजा भरत के वंशधरो से प्रचालित हुई थी ।
- फिरोज़ तुगलक के आक्रमण के समय "थानेसर" (वर्तमान में हरियाणा में स्थित) का राजा "सहारन" ही था ।
- दिल्ली में गुलाम वंश के समय रोहिलखण्ड की राजधानी "रामपुर" में RANVEER SINGH ROHILA/KATHEHARIYA/ (काठी कोम, निकुम्भ वंश, सूर्यवंश रावी नदी के निकट से विस्थापित कठ गणों के वंशधर) का शासन था । इसी रोहिले राजा ने दिल्ली के सेनापति नसीरुद्दीन चंगेज को हराया था. 'खंड' kshtriyo से सम्बंधित है, जैसे भरतखंड, BUNDELKHAND, VIDHEYLKHAND , रोहिलखंड, KUMAYUNKHHAND, उत्तराखंड आदि ।
- प्राचीन भारत की केवल दो भाषाएँ संस्कृत व प्राकृत (सरलीकृत संस्कृत) थी । रोहिल प्राकृत और खंड संस्कृत के शब्द हैं जो क्षत्रिय राजाओं के प्रमाण हैं । इस्लामिक नाम है दोलताबाद, कुतुबाबाद, मुरादाबाद, जलालाबाद, हैदराबाद, मुबारकबाद, फैजाबाद, आदि ।
- रोहिले राजपूतो की उपस्तिथि के प्रमाण हैं । योधेय गणराज्य के सिक्के, गुजरात का (1445 वि ) ' का शिलालेख (रोहिला मालदेव के सम्बन्ध में), उत्तर प्रदेश में स्थित रोहिलखंड रामपुर में राजा रणवीर सिंह के किले के खंडहर, रानी तारादेवी सती का मंदिर , पीलीभीत में राठौर रोहिलो (महिचा- प्रशाखा) की सतियों के मंदिर, कपिल मुनि स्थान पर कलायथ कैथल(हरियाणा)में वीर GANGA SINGH महेचा राठौड़ रोहिला राजपूत PANIPAT के तीसरे युद्ध KE YODHA की समाधि और उनकी रानी सती माता रामप्यारी का मंदिर जिसे क्षेत्र के सभी राजपूत मिलकर पूजते है। सहारनपुर का प्राचीन रोहिला किलाऔर उसके सामने स्थित क्षत्रिय सम्राट MAHA RAJA RANVEER SINGH ROHILA चौक, मंडोर का शिलालेख, " बड़ौत में स्तिथ " RAJA RANVEER SINGH ROHILA MARG"
नगरे नगरे ग्रामै ग्रामै विलसन्तु संस्कृतवाणी ।
सदने - सदने जन - जन बदने , जयतु चिरं कल्याणी ।।
जोधपुर का शिलालेख, प्रतिहार शासक HARISH CHANDRA को मिली रोहिल्लाद्व्यंक की उपाधि, कई अन्य
राजपूतो के वंशो को प्राप्त उपाधियाँ, 'पृथ्वीराज रासो', आल्हाखण्ड - काव्य सभी राजपूत वंशो में पाए
जाने वाले प्रमुख गोत्र ।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा भारत द्वारा प्रकाशित पावन ग्रन्थ क्षत्रिय वंशाणर्व (रोहिले क्षत्रियों का
राज्य रोहिलखण्ड का पूर्व नाम पांचाल व मध्य देश, वर्तमान में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा से
अखिल भारतीय रोहिला.क्षत्रिय विकास परिषद रजिस्टर्ड को संबद्धता प्राप्त होना,। वर्तमान में भी रोहिलखण्ड (संस्कृत भाषा में)
क्षेत्र का नाम यथावत बने रहना, अंग्रेजो द्वारा भी उत्तर रेलवे को "रोहिलखण्ड - रेलवे" का नाम देना जो
बरेली से देहरादून तक सहारनपुर होते हुए जाती थी, वर्तमान में लाखो की संख्या में पाए जाने वाले
रोहिला-राजपूत, रोहिले-राजपूतों के सम्पूर्ण भारत में फैले हुए कई अन्य संगठन अखिल भारतीय स्तर
पर 'राजपूत रत्न' रोहिला शिरोमणि डा. कर्णवीर सिंह द्वारा संगठित एक अखिल भारतीय रोहिला
क्षत्रिय विकास परिषद पंजीकृत (सम्बद्ध अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा) पंजीकरण संख्या - 545, आदि।
12. पानीपत की तीसरी लड़ाई में रोहिले राजपूत- राजा गंगासहाय/गंगा सिंह राठौर (महेचा) के नेतृत्व में
मराठों
की ओर से अफगान आक्रान्ता अहमदशाह अब्दाली व रोहिला पठान नजीबदौला के विरुद्ध लड़े व
वीरगति पाई । इस मराठा युद्ध में लगभग एक हजार चार सौ रोहिले राजपूत वीरगति को प्राप्त हुए ।
(इतिहास -रोहिला-राजपूत)
13. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 में भी रोहिले राजपूतों ने अपना योगदान दिया, ग्वालियर के किले में रानी
लक्ष्मीबाई को हजारों की संख्या में रोहिले राजपूत मिले, इस महायज्ञ में स्त्री पुरुष सभी ने अपने गहने
धन आदि एकत्र कर झाँसी की रानी के साथ अंग्रेजो के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए सम्राट बहादुरशाह-
जफर तक पहुँचाए । अंग्रेजों ने ढूँढ-ढूँढ कर उन्हें काट डाला जिससे रोहिले राजपूतों ने अज्ञातवास की
शरण ली।
14. राजपूतों की हार के प्रमुख कारण थे हाथियों का प्रयोग, सामंत प्रणाली व आपसी मतभेद, ऊँचे व
भागीदार कुल का भेदभाव (छोटे व बड़े की भावना) आदि।
15. सम्वत 825 में बप्पा रावल चित्तौड़ से विधर्मियों को खदेड़ता हुआ ईरान तक गया। बप्पा रावल से समर
सिंह तक 400 वर्ष होते हैं, गह्लौतों का ही शासन रहा। इनकी 24 शाखाएँ हैं। जिनके 16 गोत्र (बप्पा
रावल के वंशधर) रोहिले राजपूतों में पाए जाते हैं।
16. चितौड़ के राणा समर सिंह (1193 ई.) की रानी पटना की राजकुमारी थी इसने 9 राजा, 1 रावत और कुछ
रोहिले साथ लेकर मौ. गोरी के गुलाम कुतुबद्दीन का आक्रमण रोका और उसे ऐसी पराजय दी कि कभी
उसने चितौड़ की ओर नही देखा।
17. रोहिला शब्द क्षेत्रजनित, गुणजनित व 'मूल पुरुष' नाम-जनित है। यह गोत्र जाटों में भी रूहेला, रोहेला,
रूलिया, रूहेल , रूहिल, रूहिलान नामों से पाया जाता है।
18. रूहेला गोत्र जाटों में राजस्थान व उ. प्र. में पाया जाता है। रोहेला गोत्र के जाट जयपुर में बजरंग बिहार
ओर ईनकम टैक्स कालोनी टौंक रोड में विद्यमान है। झुनझुन, सीकर, चुरू, अलवर, बाडमेर में भी
रोहिला गोत्र के जाट विद्यमान हैं । उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रोहेला गोत्र के जाटों के बारह
गाँव हैं। महाराष्ट्र में रूहिलान गोत्र के जाट वर्धा में केसर व खेड़ा गाँव में विद्यमान हैं।,रोहतक और भिवानी में रोहिल, रूहिल उपनाम के जाट विद्यमान है।
19. मुगल सम्राट अकबर ने भी राजपूत राजाओं को विजय प्राप्त करने के पश्चात् रोहिला-उपाधि से
विभूषित किया था, जैसे राव, रावत, महारावल, राणा, महाराणा, रोहिल्ला, रहकवाल आदि।
20. "रोहिला-राजपूत" समाज , क्षत्रियों का वह परिवार है जो सरल ह्रदयी, परिश्रमी,राष्ट्रप्रेमी,स्वधर्मपरायण,
स्वाभिमानी व वर्तमान में अधिकांश अज्ञातवास के कारण साधनविहीन है। 40 प्रतिशत कृषि कार्य से,30
प्रतिशत श्रम के सहारे व 30 प्रतिशत व्यापार व लघु उद्योगों के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं। इनके
पूर्वजो ने हजारों वर्षों तक अपनी आन, मान, मर्यादा की रक्षा के लिए बलिदान दिए हैं और अनेको
आक्रान्ताओं को रोके रखने में अपना सर्वस्व मिटाया है । गणराज्य व लोकतंत्रात्मक व्यवस्था को
सजीव बनाये रखने की भावना के कारण वंश परंपरा के विरुद्ध रहे, करद राज्यों में भी स्वतंत्रता बनाये
रखी । कठेहर रोहिलखण्ड की स्थापना से लेकर सल्तनत काल की उथल पुथल, मार काट , दमन चक्र
तक लगभग आठ सौ वर्ष के शासन काल के पश्चात् 1857 के ग़दर के समय तक रोहिले राजपूतों ने
राष्ट्रहित में बलिदान दिये हैं। क्रूर काल के झंझावालों से संघर्ष करते हुए क्षत्रियों का यह 'रोहिला परिवार'
बिखर गया है, इस समाज की पहचान के लिए भी आज स्पष्टीकरण देना पड़ता है। कैसा दुर्भाग्य है? यह
क्षत्रिय वर्ग का। जो अपनी पहचान को भी टटोलना पड़ रहा है। परन्तु समय के चक्र में सब कुछ सुरक्षित
है। इतिहास के दर्पण में थिरकते चित्र, बोलते हैं, अतीत झाँकता है, सच सोचता है कि उसके होने के
प्रमाण धुंधले-धुंधले से क्यों हैं? हे- क्षत्रिय तुम धन्य हो, पहचानो अपने प्रतिबिम्बों को' -
"क्षत्रिय एकता का बिगुल फूँक
सब धुंधला धुंधला छंटने दो।
हो अखंड भारत के राजपुत्र
खण्ड खण्ड में न सबको बंटने दो ।।"
21. रोहिलखण्ड से विस्थापित इन रोहिला परिवारों में राजपूत परम्परा के कुछ प्रमुख गोत्र इस प्रकार पाए
जाते हैं :-
- रोहिला, रोहित, रोहिल, रावल, द्रोहिया, रल्हन, रूहिलान, रौतेला , रावत
- यौधेय, योतिक, जोहिया, झोझे, पेशावरी
- पुण्डीर, पांडला, पंढेर, पुन्ड़ेहार, पुंढीर, पुंडाया
- चौहान, जैवर, जौडा, चाहल, चावड़ा, खींची, गोगद, गदाइया, सनावर, क्लानियां, चिंगारा, चाहड बालसमंद, चोहेल, चेहलान, बालदा, बछ्स (वत्स), बछेर, चयद, झझोड, चौपट, खुम्ब, जांघरा, जंगारा, झांझड
- निकुम्भ, कठेहरिया, कठौरा, कठैत, कलुठान, कठपाल, कठेडिया, कठड, काठी, कठ, पालवार
- RATHOD महेचा, महेचराना धांधल, रतनौता, बंसूठ जोली, जोलिए, बांकटे, बाटूदा, थाथी, कपोलिया, खोखर, अखनौरिया ,लोहमढ़े, मसानिया
- BUNDELA, उमट, ऊमटवाल
- , भारती, गनान
- नाभावंशी,बटेरिया, बटवाल, बरमटिया
- परमार, जावडा, लखमरा, मूसला, मौसिल, भौंसले, बसूक, जंदडा, पछाड़, पंवारखा, ढेड, मौन
- तोमर, तंवर, मुदगल, देहलीवाल, किशनलाल, सानयाल, सैन, सनाढय
- GEHLOT, कूपट, पछाड़, थापा, ग्रेवाल, कंकोटक, गोद्देय, पापडा, नथैड़ा, नैपाली, लाठिवाल, पानिशप, पिसोण्ड, चिरडवाल, नवल, चरखवाल, साम्भा, पातलेय, पातलीय, छन्द (चंड), क्षुद्रक,(छिन्ड, इन्छड़, नौछड़क), रज्जडवाल, बोहरा, जसावत, गौर, मलक, मलिक, कोकचे, काक
- कछवाहा, कुशवाहा, कोकच्छ, ततवाल, बलद, मछेर
- सिसौदिया, भरोलिया, बरनवाल, बरनपाल, बहारा
- खुमाहड, अवन्ट, ऊँटवाल
- सिकरवार, रहकवाल, रायकवार, ममड, गोदे
- सोलंकी, गिलानिया, भुन, बुन, बघेला, ऊन, (उनयारिया)
- बडगूजर, सिकरवार, ममड़ा, पुडिया
- कश्यप, काशब, रावल, रहकवाल
- यदु, मेव, छिकारा, तैतवाल, भैनिवाल, उन्हड़, भाटटी बनाफरे, जादो, बागड़ी, सिन्धु, कालड़ा, सारन, छुरियापेड, लखमेरिया, चराड, जाखड़, सेरावत, देसवाल, पूडिया
प्रमुख रोहिला क्षत्रिय शासक
- अंगार सैन - गांधार (वैदिक काल)
- अश्वकरण - ईसा पूर्व 326 (मश्कावती दुर्ग)
- अजयराव - स्यालकोट (सौकंल दुर्ग) ईसा पूर्व 326
- प्रचेता - मलेच्छ संहारक
- शाशिगुप्त - साइरस के समकालीन
- सुभाग सैन - मौर्य साम्राज्य के समकालीन
- राजाराम शाह - 929 वि. रामपुर रोहिलखण्ड
- बीजराज - रोहिलखण्ड
- करण चन्द्र - रोहिलखण्ड
- विग्रह राज - रोहिलखण्ड - गंगापार कर स्रुघ्न जनपद (सुगनापुर) यमुना तक विस्तार दसवीं शताब्दी में सरसावा में किले का निर्माण पश्चिमी सीमा पर, यमुना द्वारा ध्वस्त टीले के रूप में नकुड़ रोड पर देखा जा सकता है।
- सावन्त सिंह - रोहिलखण्ड
- जगमाल - रोहिलखण्ड
- धिंगतराव - रोहिलखण्ड
- गोंकुल सिंह - रोहिलखण्ड
- महासहाय - रोहिलखण्ड
- त्रिलोक चन्द - रोहिलखण्ड
- रणवीर सिंह - रोहिलखण्ड
- सुन्दर पाल - रोहिलखण्ड
- नौरंग देव - रोहिलखण्ड
- सूरत सिंह - रोहिलखण्ड
- हंसकरण रहकवाल - पृथ्वीराज के सेनापति
- मिथुन देव रायकवार - ईसम सिंह पुण्डीर के मित्र थाना भवन शासक
- सहकरण, विजयराव - उपरोक्त
- राजा हतरा - हिसार
- जगत राय - बरेली
- मुकंदराज - बरेली 1567 ई.
- बुधपाल - बदायुं
- महीचंद राठौर - बदायुं
- बांसदेव - बरेली
- बरलदेव - बरेली
- राजसिंह - बरेली
- परमादित्य - बरेली
- न्यादरचन्द - बरेली
- राजा सहारन - थानेश्वर
- प्रताप राव खींची (चौहान वंश) - गागरोन
- राणा लक्ष्य सिंह - सीकरी
- रोहिला मालदेव - गुजरात
- जबर सिंह - सोनीपत
- रामदयाल महेचराना - कलायत
- गंगसहाय - महेचराना *कलायत* 1761 ई.
- राणा प्रताप सिंह - कौराली (गंगोह) 1095 ई.
- नानक चन्द - अल्मोड़ा
- राजा पूरणचन्द - बुंदेलखंड
- राजा हंस ध्वज - हिसार व राजा हरचंद
- राजा बसंतपाल - रोहिलखण्ड व्रतुसरदार, सामंत वृतपाल 1193 ई.
- महान सिंह बडगूजर - बागपत 1184 ई.
- राजा यशकरण - अंधली
- गुणाचन्द - जयकरण - चरखी - दादरी
- राजा मोहनपाल देव - करोली
- राजारूप सैन - रोपड़
- राजा महपाल पंवार - जीन्द
- राजा परपदेड पुंडीर - लाहौर
- राजा लखीराव - स्यालकोट
- राजा जाजा जी तोमर - दिल्ली
- खड़ग सिंह - रोहिलखण्ड लौदी के समकालीन
- राजा हरि सिंह - खिज्रखां के दमन का शिकार हुआ - कुमायुं की पहाड़ियों में अज्ञातवास की शरण ली
- राजा इन्द्रगिरी (रोहिलखण्ड) (इन्द्रसेन) - सहारनपुर में प्राचीन रोहिला किला बनवाया । रोहिला क्षत्रिय वंश भास्कर लेखक आर. आर. राजपूत मुरसेन अलीगढ से प्रस्तुत
- राजा बुद्ध देव रोहिला - 1787 ई., सिंधिया व जयपुर के कछवाहो के खेड़ा व तुंगा के मैदान में हुए युद्ध का प्रमुख पात्र । (राय कुँवर देवेन्द्र सिंह जी राजभाट, तुंगा (राजस्थान)
रोहिल्ला उपाधि - शूरवीर, अदम्य - साहसी विशेष युद्ध कला में प्रवीण, उच्च कुलीन सेनानायको, और सामन्तों को उनके गुणों के अनुरूप क्षत्रिय वीरों को तदर्थ उपाधि से विभूषित किया जाता था - जैसे - रावत - महारावत, राणा, महाराणा, ठाकुर, नेगी, रावल, रहकवाल, रोहिल्ला, समरलछन्द, लखमीर,(एक लाख का नायक) आदि। इसी आधार पर उनके वंशज भी आजतक राजपूतों के सभी गोत्रों में पाए जाते हैं।
"वभूव रोहिल्लद्व्यड्कों वेद शास्त्रार्थ पारग: । द्विज: श्री हरि चन्द्राख्य प्रजापति समो गुरू : ।।2।।
( बाउक का जोधपुर लेख )
- सन 837 ई. चैत्र सुदि पंचमी - हिंदी अर्थ - "वेद शास्त्र में पारंगत रोहिल्लाद्धि उपाधिधारी एक हरिश्चन्द्र नाम का ब्राह्मण था" जो प्रजापति के समान था हुआ ।।6।।
( गुज्जर गौरव मासिक पत्रिका - अंक 10, वर्ष ।।माह जौलाई 1991 पृष्ठ - 13) (राजपुताने का इतिहास पृष्ठ - 147) (इतिहास रोहिला - राजपूत पृष्ठ - 23) (प्राचीन भारत का इतिहास, राजपूत वंश, - कैलाश - प्रकाशन लखनऊ सन 1970 ई. पृष्ठ - 104 -105 - )
रोहिल्लद्व्यड्क रोहिल्लद्धि - अंक वाला या उपाधि वाला ।
सर्वप्रथम प्रतिहार शासक द्विज हरिश्चन्द्र को रोहिल्लद्धि उपाधि प्राप्त हुई । बाउक,प्रतिहार शासक विप्र हरिश्चन्द्र के पुत्र कवक और श्रीमति पदमनी का पुत्र था वह बड़ा पराक्रमी और नरसिंह वीर था।
प्रतिहार एक पद है, किसी विशेष वर्ण का सूचक नही है। विप्र हरिश्चन्द्र प्रतिहार अपने बाहुबल से मांडौर दुर्ग की रक्षा करने वाला था, अदम्य साहस व अन्य किसी विशेष रोहिला शासक के प्रभावनुरूप ही रोहिल्लद्व्यड्क उपाधि को किसी आधार के बिना कोई भी व्यक्ति अपने नाम के साथ सम्बन्ध करने का वैधानिक रूप में अधिकारी नही हो सकता।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि बहुत प्राचीन काल से ही गुणकर्म के आधार पर क्षत्रिय उपाधि "रोहिल्ला" प्रयुक्त । प्रदत्त करने की वैधानिक व्यवस्था थी। जिसे हिन्दुआसूर्य - महाराजा पृथ्वीराज चौहान ने भी यथावत रखा। पृथ्वीराज चौहान की सेना में एक सौ रोहिल्ला - राजपूत सेना नायक थे । "पृथ्वीराज रासौ" -
चहूँप्रान, राठवर, जाति पुण्डीर गुहिल्ला । बडगूजर पामार, कुरभ, जागरा, रोहिल्ला ।। इस कवित्त से स्पष्ट है । कि - प्राचीन - काल में रोहिला- क्षत्रियों का स्थान बहुत ऊँचा था। रोहिला रोहिल्ल आदि शब्द राजपुत्रों अथवा क्षत्रियों के ही द्योतक थे । इस कवित्त के प्रमाणिकता "आइने अकबरी", 'सुरजन चरिता' भी सिद्ध करते हैं । युद्ध में कमानी की तरह (रोह चढ़ाई करके) शत्रु सेना को छिन्न - भिन्न करने वाले को रहकवाल, रावल, रोहिल्ला, महाभट्ट कहा गया है।
महाराज पृथ्वीराज चौहान की सेना में पांच गोत्रों के रावल थे -
- रावल - रोहिला
- रावल - सिन्धु
- रावल - घिलौत (गहलौत)
- रावल - काशव या कश्यप
- रावल - बलदया बल्द
मुग़ल बादशाह अकबर ने भी बहादुरी की रोहिल्ला उपाधि को यथावत बनाए रखा जब अकबर की सेना दूसरे राज्यों को जीत कर आती थी तो अकबर अपनी सेना के सरदारों को,बहादुर जवानों बहादुरी के पदक (ख़िताब,उपाधि) देता था। एक बार जब महाराणा मान सिंह काबुल जीतकर वापिस आए तो अकबर ने उसके बाइस राजपूत सरदारों को यह ख़िताब दी (उपाधि से सम्मानित किया)
- बाई तेरा हर निरकाला रावत को - रावल जी
- चौमकिंग सरनाथा को - रावल
- झंड्कारा कांड्कड को - रोहिल्ला
- रावत मन्चारा - कांड्कड काम करन, निरकादास रावत को रावराज और रूहेलाल को रोहिला
- स्वतंत्र रोहिलखंड राज्य संस्थापक महाराजा RANVEER SINGH ROHILA
- रक्षा बंधन के दिन रोहिलखंड की वीर भूमि गंगा सी पवित्र राजपूतों के रक्त से रंजित और आक्रांताओं के काल की धरती रामपुर के किले में दिया था कठेहर रोहिलखंड नरेश,महाराजा रणवीर सिंह रोहिला ने अदम्य साहस और अद्भुत शौर्य का परिचय!,दिल्ली सुलतान नासीरुद्दीन बहराम उर्फ चंगेज की चालीस हजार की सेना को दी थी शिकस्त!**तथा घुटने टेकने पर मजबूर किया था दिल्ली सल्तनत का दुर्दांत खूंखवार सेनापति नसीरुद्दीन महमूद को और प्राणदान मांगने पर क्षात्र धर्म रक्षार्थ छोड़ा था।**चंगेज ने अवसर पाकर रक्षा बंधन के दिन दरबारी गोकुल चंद पांडे हरिद्वार को लालच देकर किले के द्वार खुलवा लिए *धोखे के शिकार लगभग तीन हजार राजपूत निहत्थे ही लड़े,!आक्रमण कारियो के अस्त्र शस्त्र छीन छीन किया था शौर्य संग्राम दिल्ली सल्तनत की लगभग आधी गुलाम वंशी सेना को काट डाला था रोहिला राजपूतो ने!!अंत में चंगेज के खूंखवार दरिंदो ने अकेले में घेर लिया था RANVEER SINGH ROHILA को, जिन्हे आमने सामने की लड़ाई में दिल्ली सुलतान कभी नही हरा पाए थे किंतु वे उनके साहस से विस्मित हुए बिना नहीं रह सके ।रणवीर रणभूमि के वीर सपूत रक्त की अंतिम बूंद रहने तक संग्राम रत रहे और कतरा कतरा हो कर खेत रहे(सन 1254ईस्वी),उनका बलिदान रोहिलखंड के राजपूताना इतिहास में स्वर्णाक्षर दे गया!,समस्त राजपूत समाज रक्षा बंधन के दिन हुए इस बलिदान को एक शोर्य दिवस के रूप में मनाता आया है,यूट्यूब पर और अन्य सोसल मीडिया पर स्वतंत्र रोहिलखंड संस्थापक नरेश महाराजा RANVEER SINGH ROHILA की वीर गाथा दी हुई है,सभी क्षत्रिय जन अपने बच्चो को दिखाए ताकि सल्तनत काल में १२५४ ईसवी के इस इतिहास के धुंधले पृष्ठ भी उकेरे जा सके*, रक्षा बंधन को उनका बलिदान दिवस मनाया जाता है,समस्त क्षत्रिय समाज इस SHOURYA दिवस पर उन्हे कोटि कोटि नमन करते हुए उनके। बताए मार्ग पर स्वाधीनता और स्वाभिमान से स्वधर्म रक्षार्थ जीने की शपथ लेता है,यह सच्चाई हमसे स्कूली शिक्षा में छुपाई गई किंतु इतिहास के दर्पण में सब सुरक्षित रहता है जिसे उजागर कर भावी पीढ़ी को बताना ही हरेक क्षत्रिय का नैतिक दायित्व है अतः आप सभी क्षत्रियों से निवेदन है कि भावी पीढ़ी को सच्चाई बताए और स्वाभिमान से जीना दिखाए।।
- सूर्य वंशी निकुंभ क्षत्रिय महाराजा RANVEER SINGH ROHILA का जन्म हिंदूवा सूर्य महाराज पृथ्वी राज चौहान के पतन के बाद दिल्ली सल्तनत के बढ़ते कदमों के बीच ऐसे समय में सन१२०४ईस्वी में कठेहर रोहिलखंड की राजधानी रामपुर के किले में राजा त्रिलोक सिंह के यहां हुआ था, जब सभी राजपूत शक्तियां क्षीण और तितर बितर हो चुकी थी,इस्लामिक आक्रांता मध्य भारत की ओर दमन करते हुए आगे बढ़ते रहते थे।।,रणवीर सिंह रोहिला का विवाह विजय पुर सीकरी की राजकुमारी तारा देवी से हुआ तथा पच्चीस वर्ष की आयु में रामपुर की गद्दी पर विराजमान होकर इस्लामीकरण पर रोक लगाई ।। तीस सालों तक दिल्ली सुलतानो को धूल चटाई किंतु रक्षा बंधन के दिन शिव मंदिर गए राजपूतों को रक्षा सूत्र बंधवाते हुए नसीरुद्दीन बहराम ने गोकुल चंद पांडे के द्वारा किले के द्वार खोलने पर घेर लिया और फिर होगया ADBHUT SHOURYA SANGRAM .. विस्तार भय से संक्षिप्त गाथा वर्णित है जिसे चाटुकार मुगल कालीन और ब्रिटिश इतिहास कारो ने छिपाया*
- रोहिलखंड एक राजपूताना राज्य
कन्नौज पतन के बाद रोहिलखण्ड राज्य की स्थापना कठेहरिया राजा राम शाह उर्फ रामसिंह ने की थी अहिक्षेत्र काम्पिल्य के एक गॉंव रामनगर को रामपुर नगर बसाया ओर यह क्षत्रिय राजा राम के नाम पर रखा गया था यहाँ रोहिले राजपूतो ने 11 पीढ़ी लगातार शासन किया राजा रणवीर सिंह रोहिला ने नाइरुद्दीन महमूद,, ओर हरिसिंह रोहिला ने खिज्रखान को धूल चटाई नोरंगदेव ने पिंगू(तैमूर लंग)को हराया ।।।san ईस्वी के बाद भी कभी भी पूर्णतया रोहिलखंड को दिल्ली दरबार नही जीत पाया अकबर ओर बाद में औरंगजेब ने चाल चली और अफगानों की घुसपैठ करनी आबादी बढ़ानी शुरू की सन 1707ईस्वी में दाऊद खान बरेच अफगान के जाट दत्तक पुत्र जिसका नाम अलीमुहम्मद रखा था ने धोखे से बरेली में रोहिला राजा हरननंद का कत्ल किया और सम्पूर्ण रोहिलखण्ड पर अधिकार कर लिया इन अफगानों ने भी रोहिलखण्ड के नवाब बन जाने के कारणों से स्वयम को रुहेला सरदार कहा वास्तव में ये रोहिला नही थे जैसे कि रोह देश के अफगान लिखा यह गलत है ।।जिस काल में अफगान आए तब अफगानिस्तान को रोह देश नही कहा जाता था ।।
यह झूठा मुस्लिम तुष्टि करण का इतिहास है ।।16वी सदी में जगत सिंह कठेहरिया रोहिल्ला राजपूत के पुत्रों बाँसदेव व बर्लदेव के नाम पर बरेली नगर की नीव रखी गयी अफगानों ने कोई नगर नही बसाया उन्होंने अपने काल मे ही रामपुर का नाम राम के नाम पर नही रखा। यह भ्रामक झूठ है कि फैज उल्ला खान ने रामपुर को बसाया था अठारहवीं सदी में जबकि रामपुर रियासत की स्थापना दसवीं सदी में राजा रामसिंह रोहिला(काठी कोम के राजपूत) ने की थी
संदर्भ
इतिहास रोहिला राजपूत
डॉक्टर के सी सैन
रोहिला क्षत्रिय वंश भास्कर
आर आर राजपूत
कठेहरिया रोहिला राजपूत
रोहिला क्षत्रियों का क्रमबद्ध इतिहास
दर्शन लाल रोहिला
मध्य कालीन भारत का इतिहास
ठाकुर अजीत सिंह परिहार
बालाघाट मध्य प्रदेश आदि बहुत क्षत्रिय वंशावलियों में उपलबद्ध है।।
v. informative article.
ReplyDeletethanks..
DeleteThanks for information
DeleteThis article does not contains facts.
DeleteNames, castes , history events are without any known facts... I will like to be proven wrong and happy to accept if above information is factual.
This article does not contains facts.
DeleteNames, castes , history events are without any known facts... I will like to be proven wrong and happy to accept if above information is factual.
Thanks sir,main Anil Roholla Yamuna Nagar se hu.sir , mera ye kahna h ki hame apne name ke aage Rohilla lagana chayhe na ki Gotra or verma etc.isse pata hi nahi chalta apne logo ka.Mujhe Rohilla hone par Garv h to likne main sarm nhi karni chahiye.jo jayda detail mange to use pyar se kahe NET per search kar le bhai.
DeleteDarji ho oro ko bap na bnao
DeleteSun mere bhai pyaar se sun rohilla rajput kya h kya nhi ye tere jaise unpdhoo ko btane ki jrurat nhi h . Tu khud kya h phlee iska pta krke aajaaa..
Deletegood work. We must keep on researching our past.We will certainly gain from that. I promise to do my bit.
ReplyDeletethanks for reading..if you research some new facts, please share with us..
DeleteThanks - Please see more at http://mskathayat.blogspot.com/2013/11/relation-of-katehria-rajput-and-rohilla.html
DeleteWow!! Hats off for the wonderful & informative research. What a great history associated with Rohillas, i am proud of. Thanks for such a good work.
ReplyDeletethanks for taking interest in rohila rajput article
Deletesuch a great history. I am proud of being a Rajput.
ReplyDeleteI think it will be better if you put all these information on http://en.wikipedia.org/wiki/Rohilla_Rajputs
ReplyDeletethat is a good place to keep that post
rohila rajput book written by j d cluets found in google booksrohila rajput hasbeen delete by some one from this site
Deleterohila rajput book written by j d cluets found in google booksrohila rajput hasbeen delete by some one from this site
DeleteAlso can someone put it in English.
ReplyDeletegreat work....proud to be a ROHILA
ReplyDeleteproud to be a ROHILLA RAJPUT heros B-)
ReplyDelete.
informative knowledge...
.
hats off...
atlast i found the my history
ReplyDeletepresent m rohiilas kin kin cast name s jane jate h alag alag state m kya aap bta skte h
ReplyDeleteChattisgarh & Madhya Pradesh me 'Namdev/ Shriwasan/baroli'
DeleteNamdev and rohilla
DeleteROHILA IS A RAJPUT CLAN MIGRATED FROM KATEHAR ROHILKHAND OF CHOUHAN VACHAAL RATHORE GEHLOT PUNDIR RAYAKWAR SIKARWAR RACE.THERE IS NO RELETION BETWEEN ROHILA AND NAMDEV .NAMDEV WAS A SANT FROM CHHIMPA SAMAJ OF MAHARASHTRA WHEREAS NO ROHILA RAJPUT MIGRATED TO MAHARASTRA BUT WHEN IN1761 MARATHE CAME IN NORTJ INDIA TO FIGHT WITH NAZIBKHAN RUHELA PATHANAND AHEMADSHAH ABDALI HINDU KATEHARIYA ROHILA RAJPUTS BE RECRUITED IN MARATHA ARMY IN LEADER SHIP OF GANGASAHAY MAHECHRANA .ROHILA RAJPUTS RULED UPTO15NTH CENTUARY REGULAERLY AND THEREAFTER UPTO 18 TH CENTUARY.IT IS A MANIPULATION OF ROHILAS HISTORY TO LINK WITH NAMDEV
Deleteनामदेव समाज का रोहिला राजपूत समाज से कोई लेना देना नही है भ्रामक प्रचार मत करे जो अज्ञान के कारण बोलते है इतिहास पढेवपने रोहिला परिवारों को पहचाने अपने राज भट से मिले अपने पूर्वजो का ज्ञान करे नेट पर नामदेव छिम्पा रोहिला राजपूत सच करे अंतर जाने नामदेव अलग समुदाय है रोहिला राजपूत अलग कुछ स्वार्थी समाज के नेताओ ने टांक रोहिला ही लिख दिया तक्षक वन्स अलग वन्स है रोहिला उपाधि प्राप्त राजपूत वर्ग है
Deleteरोहिले राजपूत ही प्रारम्भ में काठ गण राज्य के संस्थापक थे इसीलिए इन्हें कतेहरिया रकपुत कहाँ जाता है यश काठी कॉम वही है जिसने काठगढ़ में सिकंदर को घुटने टेकने पर माबूर किया था उसके बाद कठ गण राज्य बिखर गया मैदानों की ओर काठियावाड़ बसाया नेपाल गए कटेहर राज्य की नींव डाली 1445 हरिसिंह रोहिला कुमायूं के चंद राजाओ के यहां चला गया क्योंकि खिज्रखान लगातार रोहिलखंड को रॉड रहा था 1253 में राजा रणवीर सिंह कटेहर के रोहिला कठायत ने नसीरुद्दीन चंगेज को हराया 1254 में उसका बलिदान हुआ
Delete1270 में नामदेव महाराष्ट्र में छिमपी के घर जन्मे कैसे हुआ नामदेव का रोहिला राजपूतो से लिंक
U tell that the community who belong to namdev is takshak . does u know who r takshak? for your's kind information takshak is the one of 36 royal clan of Rajput@ samay singh
Deleteif u r Rajput give me reference.
Deletedoes Rajput accept u as a Rajput ....?
प्रमोद सिंह जी रोहिला तो रोहिलखण्ड के शासक थे, राजपूत है और रहेंगे, टांक भी क्षत्रिय है और मैनपुरी के चौहान टांक राजपूत है
Deleteअखिल भारतीय रोहिला क्षत्रिय संगठन क्षत्रिय महासभा से 1984 से सम्बद्धता प्राप्त है रोहिला क्षत्रियो को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारी नियुक्त करती है,आप को प्रमाण की आवश्यकता है स्वयम खोजिये तभी आप समझ पाएंगे
I m reading about caste.
DeleteAgr aap ko namdev ki respect nhi krni to Mt kre, Jo log maante h unki guru ki bezati na kre.
aaj kl kuch rohilla, namdev ki bezati krte rhte h aapko koi hq nhi h unki bezati krne ka.
Aap apne rohilla samaj ka history ko btaye.....
For your's kind info there a lots of tailor or namdev samaj
They don not marry to each other.
1)namdev caste in Maharashtra
2)namdev. Shimpi samaj(doing work of tailor and printing)
3)chippi also called tailor have two subcaste rohilla and Taak
4)pipa darzi samaj famous by sant pipa rao khichhi.
5)Damodar darzi samaj
6)maru darzi samaj
7)muslim r also tailor
There r many tailor caste and give respect to namdev.
Some rohilla spreading castism between rohilla and taak who belong to tailor caste.. also break them .
Acc to my knowledge rohilla and Taak give respect to namdev.
Rohilla,taank dono hi royal rajputs caste hain ,mostly Rohillas taimur Lang se one by one haar gaye the jo rajput bachte gaye unhe Saint Namdev Apne sath chipate gai Haryana,Rajasthan,up ,Delhi etc whereas peepa jaise kai bade rajputs khud hi Kshatriya dhram tyag Kar daya raksha Jeevan darji ka kaam Kia, Aisa Kyun hua kyunki bhagti yug ki sthapna k liye rajputon Ko hatana tha aur us samay k Rajput Keval Brahman ki hi baat sunte the , ye baat hai around 12th to 14th century us samay k saint they Namdev,Kabir,Ravidas,Ramanand, Gorakhnath,meerabai ,Sheikh fared Nanak Sahab, ye reason tha Rohilla rajputs k downfall ka.
DeleteBrother Mainpuri me Chauhan Ranthambor (Rajasthan ) belong karte hain aur hum Samrath Prithvi Raj Chauhan ke vanshaj hai Maharaja TEJ SINGH CHAUHAN WAS the last ruler of MAINPURI ,MAHARAJ ne sabse phle angrejo ka virodh kiya tha aur unke vanshaj Abhi bhi unke kile m he rehte hain
Deletepls check www.mskathayat.blogspot.com to related information
ReplyDeleteSir rohila rajputs are katheriya/kathayat rajputs migratted from rohilkhand afterseventeenth cenchury
DeleteNever forget to write references to make your article more trustworthy!
ReplyDeleteSir Thanks for guide lines & a Great thanksfor reading kshtriya rajput vatika
DeleteSir Thanks for guide lines & a Great thanksfor reading kshtriya rajput vatika
Deleteall references have been given in kshtriya /rajput vatikaby my self rajnittin was deputed by meto your goodself for a visit
Deleteall references have been given in kshtriya /rajput vatikaby my self rajnittin was deputed by meto your goodself for a visit
Deleteall references have been given in kshtriya /rajput vatikaby my self rajnittin was deputed by meto your goodself for a visit
DeleteWhere can we buy Kshtriya /rajput vatika by Rajnittin Rawat?
DeleteHow can we contact Rajnittin Rawat ji? Kindly guide us. Thank you
Hi.. I m Vinod Rohila from Gurgaon
ReplyDeleteI M Real Estate Broker in Gurgaon
Investors Plus..9582689998
ThanksFor Taking Interest In The History of Rohila Rajputs Rohila Is A Rajput Clan
DeleteWao...greatfull history.of rohillas...
ReplyDeletekokche gotra ke baarein mein batayein
ReplyDeletekokche gotra ke baarein mein batayein
ReplyDeletekokche are surya vansi kushwaha rajput of kokcha velly of north west frontiorof india
Deletewho ruled in kather rohilkhand before muslim ruhela pathans&now founds in rohila rajputs
Deletekokche are callrd kaak also in rohila rajputs
DeleteI am Dr. SATPAL SINGH ROHILLA, did PhD from Jawaharlal Nehru University, New Delhi, published numerous of research papers in various national and international journals. Contact No-09315388429
Deletenice information
ReplyDeletejoin our
Rohilla Rajput Mahasabha
on facebook
Rohilla Ravinder Singh Rathore
Rohilla Radhey Shyam Gehlot
Distt. Karnal
Haryana
ravinder rohila ji rathor vans ke thakur harisingh rohila ke potr shri narender singh ji karnal me rahte h unse mile rathor vans ke mahechrana mahecha gotr ke rohilas h gehlot vans ke modinagar me mukesh singh koopat h koopat bhi gehlot hi h dhanywad aapne rohila itihas me ruchi li
DeleteProud to be rohilla..........Vinod Rohilla
ReplyDeleteProud to be ruhela. Ratan Singh ruhela
ReplyDeleteProud to be ruhela. Ratan Singh ruhela
ReplyDeleteThis is a rare of the raerest article. Thank you very much for this excilent informatic article.
ReplyDeleteJaiprakash Rohilla from Faridabad , Haryana
Rohilla Rajput ke ithhas nam to false hi nahi
DeleteThis is a rare of the raerest article. Thank you very much for this excilent informatic article.
ReplyDeleteJaiprakash Rohilla from Faridabad , Haryana
Respected,Jaiprakashji,thanks for taking interest in Rohila Rajput/Rohila kshtriya HISTORY .It is our Moral duty to provide Facts about Our Cast To the Next Youth Of Rohila,s please share if any information with your good self.
ReplyDeleteWhat a great history of us. Proud to be rohilla (Nathaiya)
ReplyDeleteDear Samay Singh ji,
ReplyDeleteits proud to see someone working for the whole community,
myself Lalit Rohilla (Gadaiya)from Jaipur Rajasthan. i am also following the Facebook page Rohilla Rajput Mahasabha, i am by Profession an Engineer and working in Ericsson Gurgaon as Manager.
it will be proud if i could be able to contribute to this effort started by you to reestablish Rohilla's as a Rajput Clan.
Regards//
Lalit
+91 9001998872
lalit.k.rohilla@gmail.com
Dear Samay,
ReplyDeleteThanks for this beautiful article on Rohilla's history. में हर वक़्त इस बात की कोशिश करता हूँ कि रोहिल्ला समाज का नाम ऊँचा कर सकूँ और बताऊँ कि हम रोहिल्ला है। हम में से कई लोग रोहिल्ला लिखने में कतराते है ना जाने क्यों। हमें अपनी उपलब्धियां दुनिया को बतानी चहिये, गर्व से कहना चाहिए कि हम रोहिल्ला है।
I am an IT engineer in Astrea partners
Service providing to Google India Pvt. Ltd.
Regards
Rajan Rohilla
भाई सुपर
DeleteI m trying to find Neha Rohila . She is my crush . I m also Rajput
ReplyDeleteI'm amit ruhela (musla) from panipat (hariyana)
ReplyDeleteI'm amit ruhela (musla) from panipat (hariyana)
ReplyDeleteAMIT ROHILA JI MUSALA TO GEHLOT VANS KA GOTR H MAHARANA PRATAP AND CHHATRPATI SHIVA JI ISI VANS KE THA MUSLA GOTR KE LIG BAHUT BAHADUR HOTE H
DeleteLIG KE STHAN PE LOG PADHE
DeleteShivaji bhonsle the sisodia se koi relation hi nhi or y rohilla darji hn khudko oro se jodne m lge hn
DeleteChhipa rajput ke bare me bataye
ReplyDeleteBhai tu to taank h
DeleteTAAk who belong to namdev community is a also kshtriya.
Deleteटांक का नामदेव जी से कोई सम्बन्ध नही है, टांक क्षत्रिय ही है, परन्तु नामदेव कुक्षत्रिय थे अर्थात महाराष्ट्र की किसी अन्य जाती के थे जो पीठ में कपड़ा बेचने का कार्य कर रहे थे, जबकि उसी समय रोहिला तलवार रोहिलखण्ड में दिल्ली के सुल्तानों का खून पी रही थी, टांको आप राजपुत्र है सन्त नामदेव छिपा कहे गए, फिर महाराष्ट्र के 13वी सदी में ओर तेरहवी सदी में टांको के शासन थे थानेश्वर में राजा सहारन तक्षशक था राजस्थान में टांक राज्य था, मैनपुरी उत्तर प्रदेश में टांक चौहाण राजा थे जो आज तक राजपूत है, आप कौम को नामदेव जी से न जोड़े, इतिहास पढ़े, ओर यह समझ ले कि रोहिला राजपूतो की एक उपाधि प्राप्त खाफ है , इसमे सभी राजपूत शामिल है,
DeleteMy phone no. 9466773664
DeleteI wanna talk with u otherwise whatspps me.
I m just want some info about rohilla.
greatfull history
ReplyDeleteof rohillas Rajput
I m Ranbir Rohila from Sonipat
greatfull history
ReplyDeleteof rohillas Rajput
I m Ranbir Rohila from Sonipat
ranvir singh rohila ji dhanywad rohila rajputo ki history me ruchi dikhai THE BRAVE ROHILAS BHI PADHE net par padhe RAJA RANVEER SINGH ROHILA KE VISHYA ME LIKHA H SONEPAT ME HAMARE rajendersingh ji h swami viveka nand wale unse milna rohilas ki puri history bata dege rajput kshtriy vatika mukhyalay par uplabdh h aapke paas koi jankari ho share kare
DeleteHon'ble Rohilla Mahesh singh Kathayat ji
ReplyDeleteHon'ble Rohilla Samay singh Pundir ji
आप ने समाज को जाग्रत करने में अतुलनीय काम किया है
आप को आभार व्यक्त करता हूं
रोहिल्लखंड का पूरा राजशाही का इतिहास पर भी चर्चा कीजिए
ravinder rohila ji rohil khand me hindu rohilaj ne katehar me 800sal 11pidhi shasan kiya h aap rajput kshatriya vatika padhe akhil bhartiya rohila kshtriya vikas parisad ke mukhyalay tapri me uplabdh h 300rupee me raja ram shah [ramsingh]se lekar sabhi 11pidhiyo ka varnan milega
DeleteNikhilesh Namdev : Gotra - shahridhek
ReplyDeleteYe jo darji naam ka dhabba hai ye kese hatega ye btao.
ReplyDeleteBc ekta hai nhi na hi koi get together is level pr ki hum log inhe ye smjha sake k hmara indian history me itihas tha us level ka lift 1 esi organisation with covering in newspaper and television chahie
भाई राहुल मुझे भी इस दर्जी नाम के धब्बे से बड़ी शर्म आती है मैं तो किसी को बताता भी नही की मैं दर्जी हु
Deleteऔर रोहिल्ला बताते ही कहते ह की ये रोहिल्ला के होवे बस हम कहते है कि राजपूत तो बस वे हस्ते है
पर हमें क्या हस लेने दे
बस हम तो यू चाह यू दर्जी नाम का धब्बा हट जा हमारी जाती से
is video ko 10:30 minute se dekho apne gotra k baren mai.. ho sakta hai aap bappa rawal k vanshajo mai se ho https://www.youtube.com/watch?v=3eI5H__Gsbk
Deletebhai darji wo bane the jinhone mullo k saamne islaam dharam kabool karne se mana kar diya tha. aur agyaatvaas mai rehna accept kiya tha. proud karo ki tumhare poorvajo ne mulla dharam nahi apnaaya aur agyaatvaas ki aur jaa kar mehnat kar k roti kamane lage.
Deleteisme kuch galti ya hai agar app chaho to mere pass history of rohilla rajput ki vansawali hai dr kc sen ki write hui
ReplyDeleterahul rohila ji aap akhil bhartiya rohila kshtriya vikas parsad jo 1986 se ek bade orgenisation ke rup me kam kar rahi h use join kare apna name and phone number bhi likhe
ReplyDeleteunknown28MARCH 2017 AT 16.16DR k c sen ki ITIHAS rohila rajput1986 SE h or bhi bahut books h unhone apni soch v shiksha ke anusar us samay ki jan kari ke hisab se jo likha tha usme bahut sudhar ki aavshyakta thi aap rajput kshtriya vatika padhe k c sen or bhim raj ji raj bhat ne kuch galtiya kar rakhi h uk
ReplyDeletenko thik kar diya gaya h net par k c sen ki book uploded h mahesh singh kathayat nepal ka blog padhe relation between rohila and katehariya rajputs
es me koi galti nahi h sabh samgri 15 pustko se li gayi h jo itihaskaro dwara likhi gayi thi jase rai bhimraj ji raj bhat doctor k c sen . r r rajput rohile kshtriyo ka krambadh itihas aadi sabhi pramanik h
ReplyDeleterajan rohila ji dhanywad hame ap par garv h aapka bhavishy ujjawal ho ab sabhi ROHILA likhte h ROHILA IS RAJPUT CLAN DONOT CONFUSE ANY OTHER CASTaap rajput kshtriy vatika padhe ROHILAS KA SAMPURN VISHLESHAN MILEGA
ReplyDeleteCan U tell about rawal gotr
Deleteरावल एक उपाधि प्राप्त गोत्र है।यह गोत्र राजस्थान के लड़ाकों का है।जैसे महारावल रावल राणा रोहिला
Deleteरावल सूर्य वन्स के गहलोट की शाखाओं के राजपूतो में पाया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों के कारण इनके ऋषि गोत्र भी अलग अलग है। रावल गोत्र रोहिला राजपूतो में भी है । अन्य राजपूतो में भी है । यह तो आप ही जाने आप कोनसे राजपूत है।
This side is Sumit Rohilla from Indri Karnal. I am proud of myself that I am a Rohilla Rajput.9813478556
ReplyDeleteOk this is fine... but why still other famous Rajput clans don't engage like marital with Rohillas...
ReplyDeleteeven most of clans as you mentioned like Chauhans Rathires Tomars are even have no marital relations with US
Hello sir mera naam varinder batwal h or surname lakhotra h mai batwal hu itna conform h apki information k hisab se mai rajput huya na sir g
ReplyDeleteसर जब हम जाति प्रमाण पत्र बनवाते है तब रुहेला जाति के नाम से जाति प्रमाण पत्र क्यो नही बनता और दर्जी के नाम से तुरंत बन जाता है ऐसा क्यों ।.....
ReplyDeleteकभी कभी तो लगता है कि हम रोहिल्ला है ही नही
और है भी तो कोई बड़ी बात नही है।
सर अगर कोई किताब हो जिसमें रोहिल्ला का सारा इतिहास हो वो मुझे बता दो क्योंकि मुझे बहुत लोगो की बोलती बंद करनी है
उन्हें दिखाना है कि रोहिल्ला क्षत्रिय ही है अगर कोई किताब है तो बता दो मैं उसमे अपना इतिहास जानना चाहता हु और वो किताब बताना जिसमे एक भी बात झूट ना हो
मेरा मो- न0 8126478571
Rajpootajayruhela@gmail.com
Fb pr rajpoot ajay ruhela
नाम से I d है तो कृप्या मुझे बता देना अगर किसी को कुछ भी पता हो रोहिल्ला के बारे में
धन्यवाद
जिन लोगो को भ्रम है कि रोहिला राजपूत ही पेशे से बनी कई अन्य जातियों है वह गलत है विपत्ति काल मे रोहिला राजपूतो ने भी कई तरह के कुटीर एवम लघु उद्योगों के सहारे जीवन यापन किया है परंतु वे जातीय हजारो वर्षो से अपने उसी नाम से जानी जाती रही है परंतु रोहिला राजपूत तो राजपूतो की एक अलग खाफ है उत्तर प्रदेश में जहाँ रोहिल खंड रियासत स्थित है वहा तो दर्जी इदृशी वे क़ाकुष्ठ 3 समांतर अलग जटिया है कुछ स्वार्थी रोहिला राजपूत जिन्होंने ये कार्य किये इन पेशे से बनी हजारो साल पुरानी जातियों के प्रमाण पत्र अपने कार्य के सहारे बनवाये है अपना संसय दूर करे और समझ ले कि कार्य से समस्त रोहिले राजपूत संबंधित जाती नही बन जाती रोहिला राजपूतो का इतिहास 2500 वर्ष पुराना है उसे क्रमबद्ध करना इतना आसान नही की आपके हाथ मे तुरंत थमा दिया जाए मैने ओर महेश सिंग कठायत नेपाल ने 800 वर्ष के इतिहास को समेटने का प्रयत्न किया है रोहिले राजपूतो ने कटेहर में 739 में रोहिल खंड शासन की नींव डाली जो 18वी सदी तक रोहिला राजपूत रोहिल खंड में शासन करते रहे
ReplyDeleteसमय सिंह जी आप इस बात को नही झुठला सकते कि पहले के रोहिल्ला आज कई जगह दर्जी के नाम से जाने जाते हैं अजय रोहिल्ला सही कह रहे हैं आप को पता होगा कि सामान्य जाति का दर्जा केवल क्षत्रिय,व्राह्मण वैश्य,और कायस्थ को प्राप्त है आप इस लिए पिछड़ा वर्ग में आते हैं कि सरकार आप को क्षत्रिय नहीं मानती मेरे हिसाब से रोहिल्ला,नामदेव,टांक और दर्जी जो अपने आप को काकुस्था क्षत्रिय बता रहे है यह सब एक ही हैं यह जो अलग अलग की भावना है इसी की बजह से इन चारों की आज तक पहचान नहीं बन पाई है अगर चारों एक प्लेटफार्म पर आ जाएं तो यह समाज काफी आगे आ सकता है
ReplyDeleteअपने अज्ञान को अपने पास रखिये आप कोंन होते है रोहिलखण्ड से विसथापित रोहिले राजपूतो को पेशेगत उन जातियों से जोड़ने वाले जो हजारो वर्षो से ज्यो की त्यों है रोहिले राजपूत है आप भी रोहिले है तो अपनी जिज्ञासा ज्ञानर्जन में बढाइये न कि मुझे सबक पढ़ने में बिना सबूत के कोई पोस्ट नही भेजी जाती मेरा 40 वर्ष का अध्यन व खोज है आप गर्त से नही निकलना चाहते तो न निकले रोहिले राजपूत अन्य पिछड़ा वर्ग में नही है हरियाणा में रुहेला नाम से 5 अन्य जातियों के साथ एक साजिस के तहत समाहित किया गया है अन्य राज्यो में नही कोई कॉमेंट नही
Deleteरोहिला क्षत्रिय है राजपूतो की एक खाफ है वे पेशेगत जातियां अलग है आपको हरियाणा की पिछड़ी जाति की लिस्ट की याद आ रही है उन्होंने क्षत्रिय शब्द विलुप्त कर अन्य जातियों के साथ जुड़वाकर स्वाभिमान नष्ट कर दिया रोहिला का शाब्दिक अर्थ समझें किसी जाति का द्योतक नही अपितु क्षत्रियता का बोध कराता है अलग अलग क्षेत्रो में जातियां भी अलग होती है आप कोनसी जाती के है हमे नही मालूम पंरन्तु रोहिला राजपूत है अन्य कोई जाति नही सरकार क्षत्रिय को क्षत्रिय मानती है जब आप खुद स्वयम को जानते ही नही कोई आपको क्या समझायेगा
Deleteरोहिला क्षत्रिय है राजपूतो की एक खाफ है वे पेशेगत जातियां अलग है आपको हरियाणा की पिछड़ी जाति की लिस्ट की याद आ रही है उन्होंने क्षत्रिय शब्द विलुप्त कर अन्य जातियों के साथ जुड़वाकर स्वाभिमान नष्ट कर दिया रोहिला का शाब्दिक अर्थ समझें किसी जाति का द्योतक नही अपितु क्षत्रियता का बोध कराता है अलग अलग क्षेत्रो में जातियां भी अलग होती है आप कोनसी जाती के है हमे नही मालूम पंरन्तु रोहिला राजपूत है अन्य कोई जाति नही सरकार क्षत्रिय को क्षत्रिय मानती है जब आप खुद स्वयम को जानते ही नही कोई आपको क्या समझायेगा
Deleteरोहिला क्षत्रिय ही तो है जिनका नाम देव दर्जी से कोई सम्बन्ध नही है। रोहिला क्षत्रिय समाज को भ्रमित करने वाले समाज के अनभिज्ञ नपढ ठेकेदारों से बचे।
Deleteआप अनपढ़ जैसी बाटे कर रहे हो कोई रोहिला राजपूत पिछड़ी जाति में नही है रोहिला क्षत्रिय है सरकार में कुछ लोगो ने हरियाणा में रोहिला को राजपुत्रो से विलगित कर स्वयम को पिछड़ी जाति में भजन लाल मुख्य मंत्री के काल मे केवल हरियाणा में करवाया। रही बात सरकार के मानने की रोहिला तो है ही राजपुत्र
Deleteक्षत्रिय महासभा से पूछिए जिनके आजीवन सदस्य है रोहिला राजपुत्र
आप किस क्षेत्र से है हमे नही मालूम सहरानपुर में रोहिला राजपुत्रो ने 1702 में प्राचीन रोहिला किला बनवाया था जिसे 18 नवम्बर 1920 को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित क्षेत्र घोषित किया था 26 अक्टूबर 2017 को इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर जेल से खाली करने का नोटिस दिया है यह पर्यटन स्थल विकसित होगा आप खुद ही नही मानोगे आरक्षण की भूख में तो सरकार क्या करेगी ।
ऐसे विचार अपने पास रखे सम्पूर्ण रोहिला राजपुत्रो पर आप अपना विचार नही थौप सकते। उत्तर भारत मे 2करोड़ 68 लाख रोहिला राजपुत्र है जो सामान्य है
अगर ये चारों एक प्लेट फार्म पर आपके ज्ञान के अनुसार आ जाये तो राजपूतो की वह रोहिला खाफ विलुप्त हो जाएगी जिसे देखते ही अंग्रेजो के भी छक्के छूट जाते थे रोहिला वॉर के नाम पर एक समुद्री जहाज का नाम भी रोहिला रख्खा ओर रोहिले राजपूतो को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए अपनी ओर अजय की सलाह अपने पास रखिये ओर भावी पीढ़ी के नव निर्माण में सहयोग दीजिये।
Deleteसहारनपुर में स्थित रोहिलखण्ड के राजपूतो द्वारा निर्मित प्राचीन रोहिला किला जिसमे जिला कारागार है भारत के पुरातत्व विभाग ने संरक्षित क्षेत्र घोषित कर उसे राष्ट्रीय धरोहर का स्थान दिया है अमर उजाला 27अक्टूबर 2017 दैनिक जागरण 26 अक्टूबर 2017 पंजाब केशरी के संवाददाता रामपाल पुंडीर ने सरकारी विजिट की पूरी कवरेज की ओर वीडियो टी वी प्रसारण कर दिया
ReplyDeleteयह प्राचीन रोहिला किला रोहिलखण्ड की पश्चिमी सीमा पर रोहिला राजपूतो द्वारा बनवाया गया था
1805 से 1857 तक अंग्रेजो ने इस पर कब्जा करने का प्रयत्न किया और रोहिला राजा इन्द्रसेन मारा गया अंग्रेजो ने इस किले को कारागार के रूप में इस्तेमाल किया आज तक इस प्राचीन रोहिला किला में जिला जेल है अब इसे खाली कराया जाएगा और पुरातत्व विभाग संरक्षण करेगा
hello Sir
ReplyDeletegreat information of our History. today lot of people misguide by Rohilla and between Namdev.
Sir i want to known one more thing what is our cast
Thanks
Yogesh Rohilla
8140314115 whts
कास्ट राजपूत
Deleteसब कास्ट रोहिला राजपूत
ROHILA IS A RAJPUT CLAN DONOT CONFUSED WITH MUSLIM ROHILA OR ANY OTHER CAST {SIR JODY CLUTOS BRITISH ITIHAS KAR BOOK NAME ROHILA RAJPUT:
रोहिला राजपूतो के इतिहास की सभी पुरानी पुस्तको में उल्लिखित सहारनपुर स्थित रोहिला राजपूत राजाओं द्वारा निर्मित प्राचीन रोहिला किला जो ऊपर ब्लॉग में क्रम 6 पर दिखाया गया है को 1920 में पुरातत्व विभाग ने संरक्षण में लिया अब जिसे तुरन्त खाली करने के आदेश 26 ऑक्टोबर को दिए और राजपूतो की रोहिला खाफ द्वारा निर्मित इस प्राचीन रोहिला किला को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया है प्रत्यक्ष है आज रोहिला राजपूत ेेतीहसिक धरोहर
ReplyDeleteसहारनपुर ज़िला जेल का खुला राज़, निकला रोहिला वंशजो का एक पुराना किला | Saharanpur Old Fort -- SPN9NEWS सामाजिक आईना Published on Oct 27, 2017 See video
Delete- https://www.youtube.com/watch?v=-XyCtHte-j4
Saharanpur Old Rohilla Fort is protected ASI monument - per Smt. Shashi Nautiyal historian and Dr Viresh Raj Sharma Jail Suptd.
Sandeep Rai | TNN | Updated: Oct 27, 2017, 13:14 IST -
Deletehttps://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/asi-to-get-complete-control-of-saharanpur-jail-run-within-protected-building/articleshow/61249600.cms
ASI officials said the Rohilla Fort in Saharanpur was built by Raja Indra Singh Gosai in 1791. In 1857, Britishers took control of the fort and in 1868, converted it into a prison. Aditya Dev | TNN | Updated: Jun 25, 2015
https://timesofindia.indiatimes.com/city/agra/ASI-examine-plea-to-vacate-Rohilla-Fort/articleshow/47820303.cms
Saharanpur district jail is an old Rohilla Fort and is a protected monument by Archaeological Survey of India (ASI).
प्राचीन रोहिला किला सहारनपुर में है यह सभी ग्रंथो में लिखा है जो रोहिला राजपूत इतिहास के लिए इतिहास काआरो ने लिखे है, अपडेट करने के लिए आपका धन्यवाद, इस किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जा चुका है,
DeleteThis article does not contains facts.
ReplyDeleteNames, castes , history events are without any known facts... I will like to be proven wrong and happy to accept if above information is factual.
Otherwise suggest you mark this as based on assumptions and unverified sources.
It's wrong to misguide people without facts and valided information!
सभी इतिहास जो गलत लिखा गया है गलत ही पढ़ाया गया है क्या आप उसी तुस्टीकृत इतिहास की बात कर रहे है या सच्चे इतिहास की जो शोध के बाद विद्वानों ने लिखा। पहले आप ज्ञानर्जन करिये बाद में अपनी बात। आप किस जाति से है । क्या आप को अपने ही होने का शक है
Deleteohh boy ohh boy. Don't be over smart, i will proof your father or fore fathers were muslim. Jai Rajputana, Jai Rohilla Just don't speak again via ya toung, it actually stinks
Deleteसभी ेेतीहसिक जानकारियां प्रामाणिक प्राचीन ग्रंथों से ली गयी है शोध कर्ताओ के द्वारा दी गई है पुस्तको के नाम भी दिए गए है। अगर आपको कुछ जानकारी है ही नही तो क्या क्या दिखाए आपको नेट पर हिस्ट्री ऑफ रोहिला राजपूत सर्च कर डॉक्टर के सी सेन जी को ही पढ़ लीजिए । 20 ग्रंथो के संदर्भ देंगे हम इस ब्लॉग में आगे।
ReplyDeleteअपनी सोच अपने आप रखिये।
मिसगाइड तो आप करना चाहते है।
यह कोई डिस्कशन के लिए मंच नही है।
हमारा व्यक्तिगत ब्लॉग है ।अपनी जानकारी बढाइये। अपना नाम पता सम्पर्क नम्बर भी दीजिये
Anurag Ruhela from Dadri greater noida anurag.ruhela06@gmail.com 7420601001
ReplyDeleteAre chhipis Rajput??? Please tell
ReplyDeleteगौरव रोहिला जी आप रोहिलखण्ड के रोहिला राजपूत है जप 18वी सदी तक शासन में रहे।
ReplyDeleteछिमपी कोई राजपूत नही हो सकता राजाओ की सन्तान राजपुत्र कहलाती है। छिमपी मूल रूप से हजारो साल से गुजरात और महाराष्ट्र की छपाई का कार्य करने वाली रंगरेज की तरह की जाती है । जैसे महाराष्ट्र के एक सन्त 1270 में छिपा के घर जन्मे थे वे अछूत थे वहां के ब्राह्मण उन्हें अछित मानते थे इस इलाके में भी उत्तर भारत मे जब छपाई का कार्य जिन लोगो ने हजारो साल से किया वे
छिप्पी कहलाये ।
ReplyDeleteरोहिला तो रोहिलखण्ड के राजपूत है जिनमे वाछिल चौहान राठौर गौड़ गहलोत पुंडीर गोत्र व उनकी शाखाये है।
रोही का अर्थ है चढ़ाई इसमे ला प्रत्य जोड़ने से होता है रोहिला अर्थात चढ़ाई करने वाला अर्थात राजपूत kshtriy
रोहिला होता ही राजपूत है और कुछ हो ही नही सकता।
कुछ राजपूत उपाधि प्राप्त भी रोहिला राजपूत है।
जो लोग अज्ञानी है वे कुछ भी बोल सकते है। स्वयम भी राजपूत ही है अन्य छिपा जैसी जातियों से आपको क्या मतलब। नेट पर स्वयम छिपा गूगल में सर्च कर लो
पता लग जायेगा।
सत्य कथन
Deleteअखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा रजिस्टर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर अजय सिंह व राष्ट्रीय सचिव ठाकुर ऋषिपाल सिंह परमार जी ने बहुत से रोहिला राजपूत कर्मठ कार्य कर्ताओ को क्षत्रिय महासभा में संघठन सचिव(युवा) के पद पर राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर नियुक्त कर सम्मानित किया है और कार्य भार सौंप दिया है जिससे बिखरे हुए सभी राजपुत्रो को जो अपनी पहचान भुला बैठे है उनको ससम्मान समाहित किया जा सके और राजपूत एकता को बल मिले दोनो राष्ट्रीय नेताओ का धन्यवाद
ReplyDeleteकठौड़ा गोत्र किस caste का ह
ReplyDeleteकठोडा काठी कठ कथॉयत कठेत कुलठान आदि कठ गणराज्य के संस्थापक क्षत्रिय है कठियावाड़ कठेहर आदि राज्यो के संस्थाक राजपुत्र है । कठेहर रोहिलखण्ड के राजपुत्र कठोडा गोत्र के ही है इनका ऋषि गोत्र कही पर वशिष्ठ ओर कही पर भारद्वाज भी है। यह गोत्र राजपूत जाती में पाया जाता है।
Deletesir my name is khgainder rohilla got. katoda hai ma hariyana sa hu sab hma chipi hi khta hai
Deleteor bc bolta hai sarm aati hai sir ki ma raput hota hua apni phchan dundta hu
sir my name is khgainder rohilla got. katoda hai ma hariyana sa hu sab hma chipi hi khta hai
Deleteor bc bolta hai sarm aati hai sir ki ma raput hota hua apni phchan dundta hu
sir my name is khgainder rohilla got. katoda hai ma hariyana sa hu sab hma chipi hi khta hai
Deleteor bc bolta hai sarm aati hai sir ki ma raput hota hua apni phchan dundta hu
वस्तुतः ईसा पूर्व से रोहिला (चढ़ाई करने वाले)क्षत्रिय भारत की पश्चिम उत्तरीय सीमा प्रान्त के अडिग प्रहरी थे आक्रांताओ को सबसे पहले इन्ही बहादुरों ने हजारो साल तक रोका मैदानों से कोई सहायता न मिलने के कारण धीरे धीरे कितने ही चरणों मे स्वयम मैदानों की ओर आये सौराष्ट्र की ओर फैल गए मध्य देश (उत्तर प्रदेश) में काम्पिल्य अहिक्षेत्र ओर महोबा के आस पास बस गए कन्नौज पतन के बाद स्वतंत्र घोषित कर कठेहर रोहिलखण्ड की स्थापना 909 ईसवी में करने के बाद हिंदुत्व के लिए आक्रांताओ के विरुद्ध लड़ते रहे और कभी भी कोई समझौता नही किया लगभग 800 साल तक दिल्ली सल्तनत मुग़ल अंग्रेज सभी के कब्जो में नही आये विधर्मियो का संघार किया पंरन्तु इस्लाम कबूल नही किया अपना सर्वस्व मिटाया पंरन्तु स्वाभिमान हित मे बलिदान दिए जिन जातियों ने अपने स्वार्थ को सिद्ध करने अपनी सम्पत्तियों को बचाने के लिए आक्रांताओ से सन्धि की उनको अधीनता स्वीकारी उनसे रोहिला राजपुत्र दूर रहे ब्रिटिश काल मे भी हिन्दू रोहिला राजपुत्रो को गदर 1857 में खोज खोज कर काट डाला गया पंरन्तु देश से कभी किसी रोहिला राजपुत्र ने गद्दारी नही की विस्तार से सभी रोहिला राजाओ के नाम ऊपर दिए गए है जो अनेक प्राचीन ग्रंथों इतिहास काआरो की पुस्तकों भाट की पोथियों से लिये गए है ।
ReplyDeleteरोहिला क्षत्रिय वह विशुद्ध राजवनसो का एक समूह है जिन्होंने कभी भी कोई जमीनों रियासतों के लालच में सन्धि नही की बल्कि संघर्ष किया आज यही कारण है खण्ड खण्ड हो परचून की हालत में बिखरे पड़े है खोजना दूभर हो गया है अपने गौरव शाली इतिहास को ये सिंह शावक भूलने लगे है जिन लोगो का इतिहास जीवित रहता है वे कॉम भी जीवित रहती है और जो अपने इतिहास की सुरक्षा नही कर पाती उनका भूगोल भी मिटा जाता है इसलिए अपने पूर्वजो के बलिदानों को सदैव याद रखे और अतीत में झांकते हुए चले तभी कॉम की देश की रक्षा सम्भव है ।
क्षत्रिय एकता जिंदा बाद
आज 14 जनवरी 2018 दिन रविवार मकर सक्रांति है।
ReplyDeleteआज से ठीक257 वर्ष पहले पानीपत के मैदान में हुए सम्मान के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान में आता है गंगा सहाय महेचा रोहिला वीर का नाम जिसने 14 जनवरी दिन बुधवार मकर सक्रांति सन 1761 में मराठो की सहायता करते हुए अपने 1400 रोहिला राजपुत्रो सहित कड़ाके की सर्दी में दिन में 2 बजे हिंदुत्व रक्षार्थ सर्वोच्च बलिदान दिया
नजीब खान रुहेला गददार ने अब्दाली के साथ मिलकर दिल्ली की गद्दी को हथियाने के लिये युद्ध किया अब्दली को रोकने मराठे पुणे से आये वे बिगुल बजा रहे थे हिंदुत्व का किन्ही कारणों से स्थानीय राजपूतो जाटो गुज्जरों ने अब्दली व नजीब खान रुहेला के विरुद्ध मराठो साथ नही दिया भरतपुर से मराठो के साथ आये सूरजमल जाट ने लाल किले में छावनी डाल दी और बागपत से रसद रोक दी पानीपत में मराठे भूखे मर रहे थे मकर सक्रांति के दिन का युद्ध एक माह से भूखी सेना पंरन्तु हौंसला बुलंद आक्रमण किया अफगान सेना हार गयो थो परन्तु गार्दी की तोप के सामने मराठा सेना की एक टुकड़ी आ गुई गार्दी अपनी ही सेना को सामने देख रुक गया और अब्दली ओर रुहेले पठान नजीब खान की सेना फ़िर एक्टर हुई और मराठो की सेना जीत के चक्कर मे बिखर गई एक टुकड़ी में राठौर वीर गंगा सहाय महेचा रोहिला राजपूतो के 1400 साथियों को साथ ले हजारो अफगानों को काटते हुए पूत पवित्र हुआ ।हिंदुत्व के लिए सर्वोच्च बलिदान दे मकर सक्रांति के दिन वीरगति को प्राप्त हुआ इसके बलिदान को इतिहास में कही स्थान नही मिला क्योकि मराठा सेना का हिस्सा था और मराठे यह युद्ध हार गए थे
परन्तु रोहिला क्षत्रिय इतिहास में डॉक्टर के सी सेन पानीपत ने अपने पवित्र ग्रंथ इतिहास रोहिला राजपूत में इस राठौर वन्स के रोहिला वीर को पवित्र स्थान मिला है
ऐसे अनेक उदाहरण है
Or jaat konse kshatriy h
DeleteHello sir,
ReplyDeleteRuwala,Ruhela & Rohilla ek he h ya different cast sir pls infome the inforomation...i.m.kedar ruhela mo.9753716942
रोहिला कोई कास्ट नही होती रोहिला तो राजपूतो की एक खाफ है जैसे बुंदेला चंदेला कुमायूंनी गढ़वाली आदि
ReplyDeleteHello sir
DeleteRamKumar up mathura se hu
Mere ghar m diwali k din sati Tara rani k pujaa ki jaati h
Or mera gotra chhaunkar h
Mera nikash karoli se h
But m darji se jaana jata hu
To kia m bhi rohilla hu sir
हो सकता है रूवाला भी रोहिला मूल से हो जो लोग
ReplyDeleteरूवाला लिखते है उनको स्वयम ज्ञान होगा वे कोंन है ।
रोहिला राजपुत्र इतिहास में किसी भी विद्वान व इतिहास कार जैसे डॉक्टर के सी सेन , आर आर राजपूत, राय भीम राज राज भाट, अजित सिंह परिहार व सूबेदार भगवान दींन सिंह सोमवनसी आदि ने किसी भी काल मे
रूवाला का वर्णन नही किया है।
मशेष सिंह कठायत नेपाल में रोहिलखण्ड के इतिहास और कठेहर रोहिलखण्ड में राजपूत इतिहास के शोध करने वाले महान इतिहास कार है।
ReplyDeleteउन्होंने भी रोहिलखण्ड में कही रूवाला होने का जिक्र नही किया है।
अगर आप रूवाला हेबोर स्वयम को रोहिलखण्ड से सम्बंधित समझते है तो वर्णन करे।
Hello Sir, who are we "dhundele " ??
ReplyDeleteढूँढेले कोंन होते है आप बताइए क्षत्रिय है क्या
ReplyDeleteयदि है तो क्षत्रिय वंसर्नव में खोज कर लिखेंगे
यदि राजपुत्र नही तो आपको पता होगा अभी तक हमारे सामने नही आया है । आप ही बताने की कृपा करें
चेतन जी यह गोत्र नही मिला अपितु धांधल गोत्र मिला है हो सकता है यह धांधल का ही अपभ्रंस हो, यह राठौड़ वन्स की शाखा है ऋषि गोत्र गौतम ओर कही कही कश्यप है पदवी रणबांकुरा ओर गद्दी कन्नौज तथा ठिकाना बंदायू रोहिलखण्ड है यह रोहिलखण्ड से विसथापित राजपूतो में पाया गया है।
ReplyDeleteब्लॉग विजिट करने के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteHumari kuldevi ka name kia hai
ReplyDeleteसब लोग शक्ति अर्थात कुलदेवी को अलग अलग नामो से मानते है जैसे चौहाण शक्ति की उपासना कुलदेवी के रूप में अम्बिका भवानी या आशापुरी के नाम से करते है और अपनी कुलदेवी मानते है।
Deleteचौहाण पुंडीर ओर रोहिला राजपूत शाकुम्भरी देवी को भी अपनी कुलदेवी मानते है ये स्थान व गोत्रो के अनुसार अलग अलग नामो से मानी गयी है
DeleteSir Mai Kamal Rohilla Mera gotr kachhot
ReplyDeleteH eiske bare me kuchh bataeiye...
रोहिला राजपूतो के बारे में आप ने बहुत अच्छी जानकारी दी. इसके लिए आप का बहुत बहुत आभार.
ReplyDeleteWhy wikipedia remove our name of rohilla rajput in utarpardesh clan..
ReplyDeletesoon it will be back bro, im working on it, but remember there are lots of traitors inside our own clan
Deleteकोई विरोधी छेड़छाड़ करते है विक्की पीडिया में, पहले भी बहुत बार गलत पोस्ट किए गए है , प्रामाणिक सामग्री विस्थापित की गई थी विनीत रोहिला जी आप ठीक कीजिये और ऐसा दुबारा न हो प्रयास कीजिये हमे अधिक ज्ञान इस विषय मे नही है, आप अपना व्हाट्स एप नम्बर दे सम्पूर्ण भारत की राजपूत लिस्ट भेज दूंगा उसमे रोहिला राजपूत है,
ReplyDeleteI have already sir..thanku
Deletei want the source from where you get these information
ReplyDeleteप्रत्यक्ष को न कोई प्रमाण की आवश्यकता है न प्रमाण के स्रोत की, प्राचीन मध्यकालीन ेेतीहसिक ग्रंथ भरे पड़े है, जैसे भारत भूमि और उसके वासी, मध्यकालीन भारत, भाटो की बही क्षत्रिय वंसारनव, राजपूत क्षत्रिय वाटिका, आदि ग्रंथ है और सब प्रत्यक्ष है नेट पर सर्च करिये, श्रोत मिल जाएंगे, अपना नाम पता सम्पर्क नम्बर ओर पूरा परिचय दीजिये, अननोन पोस्टिंग नही , जानकारी लीजिये आपके पास जो जानकारी है भेजिए,
Deleteसर जोडीकलुट्स ब्रिटिश इतिहास कार की बुक देखिये रोहिला राजपूत गूगल बुक्स में ,
ReplyDeleteबिना आपका सम्पर्क नम्बर के कैसे इतने ग्रन्थो के नाम लिखे आप खुद ही खोज लीजिये सब उपलब्ध है
Sir i am rahul rohilla (garg gotra )sonipat can we marry in chauhan or tomer rajput religions
ReplyDeleteAnd one is most used reason why rohilla is count in obc otherwise rajput included in genrals category
ReplyDeleteअलग अलग क्षेत्रो में अलग अलग जातीय स्तर होता है, रोहिला राजपूत तो आल इंडिया राजपूत कास्ट लिस्ट में है रोहिला राजपूत , रोहिला कोई कास्ट नही एक राजपूत सरनेम खाफ है
Deleteye खाफ ka kya matlab hua? humne kahi pada tha ki Rohilla ek upaadhi hoti hai?
Deleteplease नछरक gotra k baren mai bataye
ReplyDeleteगहलोत वन्स के क्षुद्रक गणराज्य से है नछरक गोत्र बप्पा रावल के वंसज गेजलोट गोत्र लिस्ट में देखिये विवरण में अन्य गोत्रो के साथ
Deletethank you sir ji, wo gotra list mai dekha maine kya bappa rawal rohilla rajpoot the? Aur नछरक gotra kaun se vansh mai aata hai? jaise ki surya vansh, chandra vansh? waise hi hamara sampoorn rohilla parivaar kaun se vansh mai aata hai?
Deletekuch knowledge nahi hai sir ji isliye aapse hi question kar raha hu
क्षुद्रक गणराज्य k baren mai kaha se jyada jaankaari mil sakti hai?
DeleteSir kya mere ye uper k 2 sawaalo k jawaab dege please?
DeleteSir ye, आला और उदल ka naam rohilla rajpoot logo k saath kyo joda jaata hai? har ek article mai pada hai kya iska koi explanation hai? kya आला और उदल bhi rohilla ya rooh desh k niwasi the?
ReplyDeletekya kuch aisa nahi ho sakta ki Maharaja Ranveer Singh Rohilla ji ki ek badi tasveer apne rohilla parivaao ko apne apne gharo mai lagane ko kahe. jissey ki hamare gharo mai aane waale logo ko wo tasveer dekh kar hamare itihaas to pata lage?
ReplyDeleteसभी के घर लगी है अपना व्हाट्स एप नम्बर दीजिये भेज देंगे
DeleteWhatsApp par quality kam ho jaati hai pic ki download karne par. please email kar doge?
Deletesaurav.rohilla4@gmail.com
Kya hum rana chauhan or tomer rajputo me shaadi kr skte h agar hum rajput h to
ReplyDeleteSero me se nikle hue babbar sher h hm smjh rohilla upadhi aaise hi nahi milti.....
Deleteहिन्दू या मुस्लिम इंडियन हिस्ट्री मैं मुस्लिम क्यो आते हैं।
ReplyDeleteकही भी हिंदू राजा का वर्णन नहीं क्यो हर अपने लोगो दुवारा या एक आधे लेखक दुवारा बनी किताबो को ही बताया जाता है
अरुण कुमार जी स्वयम अध्ययन कीजिये आप रोहिला राजपूत है और अपने ही विषय मे नही जानते बड़े दुख का विषय है हिस्ट्री में सब कुछ है आपकी पहुंच वहां तक होनी चाहिए
ReplyDeleteSo nice I proud of history of rohilla
ReplyDeleteरोहिला आज द ग्रेट वारियर्स
DeleteI m reading about caste....
DeleteI want some info about rohilla .
My cont. No. 9466773664 otheewise whatsapps me
good to know about the history of Rohillas. I never hesitate to write my surname as Rohilla....i proudly say that i am the one who belong to history....cheers
ReplyDeleteरोहिला हमीरपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश का इतिहास प्रसिद्ध स्थान है। महोबा से दो मील की दूरी पर इस नगर की स्थापना चंदेल राजा राहिल ने 10वीं शती ई. में की थी। राजा राहिल ने एक सुन्दर मंदिर भी यहाँ बनवाया था। मंदिर तो अब खंडहर बन गया है, किंतु ग्राम प्राचीन नाम से अब भी विद्यमान है।[1]
ReplyDeleteRead more at: http://m.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE
साभार bhartdiscovery.org
रोहिला हमीरपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश का इतिहास प्रसिद्ध स्थान है। महोबा से दो मील की दूरी पर इस नगर की स्थापना चंदेल राजा राहिल ने 10वीं शती ई. में की थी। राजा राहिल ने एक सुन्दर मंदिर भी यहाँ बनवाया था। मंदिर तो अब खंडहर बन गया है, किंतु ग्राम प्राचीन नाम से अब भी विद्यमान है।[1]
ReplyDeleteRead more at: http://m.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE
साभार bhartdiscovery.org
Great Mr.Gaurav
ReplyDeletei'm Raj Kumar Rohilla from Delhi (Rajsthan dis. Jhunjhunu)
ReplyDeleteकोई अन्य नई जानकारी राजपूत रोहिल्ला इतिहास की मिले तो नेट पर पोस्ट करिये
ReplyDeletePl add my what's up no 7017951478, agar aap be koi Rohilla samaj group Bana rakha hai, please
ReplyDeleteआप राजपूत रोहिल्ला है ,तो अपना नाम दीजिये अननोन से पोस्ट क्यो की
ReplyDeleteRohilla mahrana Faisalabad k bare mein khuch batayen samay sir,, pipa tank the ya Rohilla,, aur Rohini nakshatra mein janm Lene walon Ko bhi Rohilla kaha jata tha history mein shayad
ReplyDeleteपीपा ओर टांक सब अलग है इनमे से कोई भी रोहिल्ला क्षत्रिय नही है
ReplyDeleteरोहिल्ला महाराणा एक होटल है पाकिस्तान के फैसलाबाद में नेट पर सर्च कीजिये
ReplyDeleteRohilla maharana is name of a city in pakistan,rohela,rohillanwali, rohilla+maharana may be ruled by rohilla rajputs,,,rohini nakshatra mein janam lene wale rajput bhi rohilla kehlaye sir mera no add kijye kisi group mein further conversation k liye pls
ReplyDeleteमेवाड़ में भी बहादुर रोहिले राजपूतो का शासन रहा विनय गुप्ता की रिसर्च पढिये यूजीसी नेट पपरव2 एन्ड 3 रतन सिंह रावल रोहिले राजपूत थे बप्पा रावल के 16 पुत्रों के वंशजो में से रावल उपाधि वाले
ReplyDeleteकायथ/कैंथ के वारे में कुछ बताइये
ReplyDeletesamay singh pundeer ji ka rohila samaj sada aabhari rahega kyonki jo karye aap kar rahe hai vo koi teacher bhi nahi kar sakta. rohila samaj ki young generation ko garv hai ki aap jaise hamare marg darshak hai
ReplyDeleteAvadhesh ruhela
Jai Rajputana Jai rohila samaj
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteAlso provide ancient factual official information of origin of Rohillas.
ReplyDeleteIf possible, share your contact number.
Thanks,
Tbi tu khu mre khun me itne garmi kiu h
ReplyDeleteIndia m kuch lower caste apne ko ya toh Rajput btati h ya fir Brahman yhi 2cheej h bs.. Jo tumhari caste h uspe proud kro na ki faltu m Rajput Brahman bne ki kosis ��.. Chandel,Rathore etc raja rhe h rohillkhand k (up mp ka area h ak) Rohilla ka rohilkand se itna mtlb h ki Rohilla vo darji/luhar h ko rohillkand se aye h na ki vo raja the vha k.. Yadavo se sikho vo apni history hide nhi krte proud krte h apne p na ki rajput Brahman bnte h.. aur yadavo ka status aur Rohilla ka status tum log jante ho hi. un p jamin h nokri h paisa h ijjat h sb h.
ReplyDeletesudhar jao tbhi agge badhoge vrna rajput bne k chakar m yhi haal rhega na nokri hogi na jamin. jaise aaj dusro k kheto m kam krte ho agge bhi yhi rhega fir
ReplyDeleteयदि आपको रोहिल्ला राजपूत इतिहास की संपूर्ण जानकारी नहीं है तो कृपया करके अपना मुंह बंद रखें।
ReplyDeleteइतिहास पड़ा है कभी या बस फालतू बकवास करना ही आता है आपको इतिहास के पन्नों में रोहिल्ला राजपूतों का गौरवशाली युद्ध कौशल व बलिदान भी सम्मिलित है पृथ्वीराज रासो में अभी रोहिल्ला राजपूतों का परिचय मिलता है आल्हा खंड में भी रोहिल्ला राजपूतों का परिचय मिलता है आल्हा पृथ्वीराज को घुटनों पर ला देने वाले महावीर बनाफर गोत्र के रोहिल्ला राजपूत थे और रोहिल्ला कोई जाति नहीं अपितु राजपूतों का एक संघ रोहिल्ला ओं में बहुत से गोत्र बहुत सी शाखाएं सम्मिलित हैं जोकि अलग-अलग शाखाओं के राजपूत हैं गहलोत सिसोदिया पुंडीर परमार चौहान राठौड़ रावल आदि बहुत सी शाखाएं पाई जाती हैं
ReplyDeleteरोहिल्ला युद्ध के लिए सदैव तैयार रहने वाले राजपूतों का एक संघ संगठन था
ReplyDeleteरोहिल्ला एक उपाधि भी है जो महान शूरवीर अदम्य साहसी योद्धाओं को मिला करती थी
ReplyDeleteऔर रही बात नौकरी खेती जमीन इन सब की तो हम रोहिल्ला राजपूत हैं हम आरक्षण की भीख मांग कर नहीं अपने मेहनत पर अपने दम पर नौकरी और जमीन ले सकते हैं हम तुम्हारी तरह आरक्षण के भूखे नहीं हम लोगों को देते हैं रोहिल्ला राजपूतों का इतिहास है वह सदैव लोगों को बांटते हैं हाथ फैलाने की हम राजपूतों की आदत नहीं जो आरक्षण के लिए हाथ फैला आएंगे हम लोगों को शुरू से देते आए हैं देते रहेंगे जिस किसी के अंदर यह हीन भावना है वह क्षत्रिय है ही नहीं अपितु वह शुद्र है हम राजपूत हैं सब कुछ अपने दम पर हासिल करते हैं
ReplyDeleteराजपूतो को लुहार बताने वाले कोंन हो आप अपना सुधार करो किसी को लोवर अपर बताने का अधिकार किसने दिया आपको
ReplyDeleteSir batwal gotr ke bare me btayen ji
ReplyDeleteBetwal goter Rohila Rajput goter Nahi he
ReplyDeleteAp apna rishi goter v caste bataiye tabhi khoj ho sakegi
Batwal gotra nabhavans Ka bateriya gotra h ap apna rishi gotra v thikana bataiye to purnvivran diya Jaye Itna likhna possible nahi
ReplyDeleteबटवाल राजपूत एक क्षत्रिय अति प्राचीन खाप है जो जम्मू एन्ड कश्मीर हिमाचल ओर राजस्थान के कुछ भाग में पाई जाती है ये सूर्यवँशी राजपूत है
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